S Seethalakshmi : खस्ताहाल स्कूल की इस टीचर ने बदल दी तस्वीर, अब बच्चों के दाखिले के लिए लगती है लाइन

हम यहां पर नेहरू नगर के सरकारी मिडिल स्कूल की खराब हालत को बदलने वाली प्रिंसिपल एस सीतालक्ष्मी के बारे में बता रहे हैं. जिनकी कड़ी मेहनत के बाद इस स्कूल की तस्वीर ऐसी बदली की इसे साल 2016-17 में प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ स्कूल का पुरस्कार मिला और अब लोग अपने बच्चे का दाखिला कराने के लिए स्कूल के बाहर लाइन लगाकर लगे रहते हैं.

School Teacher (Representative photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:12 AM IST
  • साल 2016-17 में प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ स्कूल का पुरस्कार जीता
  • स्कूल में जूनियर IAS एकेडमी शुरू की

एक टीचर ने केवल सात साल में एक खस्ताहाल स्कूल की तस्वीर पूरी तरह से बदल दी है. इस स्कूल में एक समय 200 से भी कम छात्र पढ़ते थे, लेकिन अब इस स्कूल की ये हालत है कि लोग अपने बच्चे का एडमिशन कराने के लिए लाइन लगा रहे है. हम बात कर रहे हैं नेहरू नगर के सरकारी मिडिल स्कूल और उस स्कूल की प्रधानाध्यापिका एस सीतालक्ष्मी के बारे में. जिन्होंने इस स्कूल की तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है. वहीं इस स्कूल को साल 2016-17 में प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ स्कूल का पुरस्कार भी जीता है. 

2009 में महज 194 छात्र ही पढ़ते थे
सीतालक्ष्मी एक इंटरव्यू में बताती हैं कि वह जब इस स्कूल में आयी थी तब यहां की हालत काफी खराब थी. इस स्कूल में 2009 में महज 194 छात्र ही पढ़ते थे, लेकिन अब 650 के भी ज्यादा छात्र पढ़ते है. इसके साथ ही उनके मुताबिक स्कूल की चारदीवारी तक नहीं थी. वहीं यहां पर शिक्षकों और छात्रों के लिए शौचालय, पीने का पानी यहां तक की इस स्कूल में एक पेड़ तक नहीं था. इस स्कूल के परिसर में पहले अजनबी सोते थे, शराबियों का अड्डा बना हुआ था. इन सभी चीजों को ठीक करने में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. 

अपने खर्च पर नियुक्त किया सफाईकर्मी
इतना ही नहीं स्कूल के शुरुआती दिनों में तो उन्हें स्कूल में साफ-सफाई कराने के लिए अपने खर्च पर एक व्यक्ति को नियुक्त करना पड़ा था. जब तक विभाग की तरफ से एक कर्मचारी तैनात नहीं कर दिया गया. उन्होंने इस स्कूल में पेड़ लगाएं जिसके नीचे आज स्कूल के बच्चे खेलते हैं. सीतालक्ष्मी जरूरत पड़ने पर बच्चों के साथ ही उनके माता-पिता से मिलकर उन्हें बच्चे के भविष्य को लेकर परामर्श भी देती है. 

स्कूल में शुरू की जूनियर IAS एकेडमी
सीतालक्ष्मी के मुताबिक उन्होंने इस स्कूल में जूनियर IAS एकेडमी शुरू की जो छात्रों को सिविल सेवा परीक्षा और नेशनल-कम-मींस स्कॉलरशिप को क्रैक करने में मदद करती है. इसे क्रैक करने वाले छात्र को 12,000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति मिलती है. इसके साथ ही इस स्कूल में बच्चों को शतरंज, रोबोटिक क्लासेस, ऑल इंडिया रेडियो जैसे कार्यक्रम में शामिल किया जाता है. जो उनकी पर्सनल स्किल डेवलप करने काफी मददगार होती है. सीतालक्ष्मी आज भी सुबह 8 बजे स्कूल पहुंच जाती है और शाम 7 बजे का बाद ही वहां से अपने घर जाती हैं. 

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