किन्हीं कारणों से हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई बीच में ही छोड़ने वाले छात्रों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. योगी सरकार ने हाईस्कूल-इंटर तक की पढ़ाई करते-करते ही छात्रों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है. इसके लिए सरकार प्रवीण योजना लेकर आयी है, जिसके क्रियान्वयन में आने वाले दिनों में खासी तेजी देखने को मिलेगी.
पढ़ाई छोड़ने पर भी हाथ में होगी सर्टिफाइड स्किल
योगी सरकार का पूरा जोर रोजगार परक शिक्षा और कौशल विकास की योजनाओं पर है. शिक्षा विभाग और कौशल विकास मिशन के साझा प्रयास से प्रदेश में एक अनोखी योजना की परिकल्पना की गई है. इसका नाम प्रवीण रखा गया है, जिसमें कौशल विकास मिशन के सर्टिफिकेट कोर्सेस को माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई के समय में ही संचालित किया जा रहा है, जिससे अगर कोई छात्र कक्षा 10वीं या कक्षा 12वीं के बाद पढ़ाई नहीं करता है तो भी उसके पास रोजगार के लिए एक सर्टिफाइड स्किल होगी.
वोकेशनल ट्रेनिंग के जरिए जॉब रेडी स्किल डेवलप किया जाएगा
प्रवीण योजना के अंतर्गत राजकीय स्कूलों के विद्यार्थियों में वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से जॉब रेडी स्किल्स डेवलप किया जाएगा. इसमें हर कार्यदिवस में स्कूल टाइम के दौरान में निःशुल्क सर्टिफिकेशन कोर्स संचालित किया जायेगा.
11 ट्रेडों की दी जाएगी जानकारी
कौशल विकास मिशन के डायरेक्टर आंद्रा वामसी के अनुसार सरकार की ओर से छात्र-छात्राओं को 11 विभिन्न ट्रेडों की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, ब्यूटी एंड वेलनेस, ओडीओपी, रिटेल, ऑटोमोबाइल सहित कई रोजगारपरक विषय शामिल हैं. ट्रेनिंग पूरी होने पर विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे.
21 हजार छात्र-छात्राओं को बनाएंगे स्किल्ड
माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए कुल 150 विद्यालयों को चुना गया है. इसमें हर जिले में 2 स्कूलों का चयन होगा, जिसमें एक हायर सेकेंड्री ब्वॉयस स्कूल और एक हायर सेकेंड्री गर्ल्स स्कूल होगा. 2022-23 में सरकार का लक्ष्य कक्षा 9 से 12 तक के 21 हजार छात्र-छात्राओं को स्किल्ड बनाने का है.
इच्छुक विद्यार्थियों को सेलेक्ट करेगा शिक्षा विभाग
माध्यमिक शिक्षा विभाग प्रवीण योजना के लिए इच्छुक विद्यार्थियों को सेलेक्ट करेगा और उन्हें स्पेशल क्लास उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही कौशल विकास मिशन की ओर से ऐसे विद्यार्थियों की ट्रेनिंग से संबंधित खर्चों को वहन किया जाएगा.
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