Gujarat High Court: 3 साल से कम उम्र के बच्चों को प्री-स्कूल भेजना है गैर-कानूनी, जानें क्या है स्कूल में भेजने की सही उम्र

कोर्ट ने कहा है कि माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को तीन साल से कम उम्र के प्री-स्कूल में जाने के लिए मजबूर करना गैरकानूनी है. बच्चों को छह साल की उम्र में कक्षा 1 में एडमिशन करने से पहले तीन साल का प्रीस्कूल, LKG, UKG का बेस पूरा करना होगा.

बच्चे को स्कूल भेजने की सही उम्र
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST
  • माता-पिता ने की थी बच्चों को एडमिशन देने की गुजारिश
  • नई शिक्षा नीति में दिए गए हैं निर्देश

बच्चों को स्कूल भेजने की जब सही उम्र की बात आती है तो अधिकतर लोगों को इसके बारे में नहीं पता होता है. अब इसी को लेकर गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि तीन साल से कम उम्र के बच्चों को प्री-स्कूल जाने के लिए मजबूर करना अवैध है. अदालत ने यह बयान उन याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया, जिनमें 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में कक्षा एक में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु को 6 साल करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी थी.

माता-पिता ने की थी बच्चों को एडमिशन देने की गुजारिश

दरअसल, माता-पिता के समूह ने राज्य सरकार की 31 जनवरी, 2020 की अधिसूचना का विरोध किया था. ये वो माता-पिता थे जिनके बच्चे 1 जून, 2023 तक छह साल के नहीं हुए थे. इस अधिसूचना में 2023-24 शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए आयु सीमा निर्धारित की गई थी. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से उन बच्चों को वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए प्रवेश देने की अनुमति देने का अनुरोध किया था, जिन्होंने प्रीस्कूल में तीन साल पूरे कर लिए हैं, लेकिन 1 जून, 2023 तक वे बच्चे छह साल के नहीं हुए हैं. उन्होंने तर्क दिया था कि एडमिशन से इनकार करना उनके शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन होगा. 

कोर्ट ने क्या कहा?

गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को तीन साल से कम उम्र के प्री-स्कूल में जाने के लिए मजबूर करना गैरकानूनी है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता किसी भी तरह की नरमी की मांग नहीं कर सकते क्योंकि वे शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के 2012 के जनादेश का उल्लंघन कर रहे हैं. कोर्ट ने सभी भारतीय बच्चों को अधिकार देने वाले कानून का जिक्र भी किया.

अदालत ने कहा, "अनुच्छेद 21ए के संवैधानिक प्रावधान और आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 3 में एक बच्चे को पहली कक्षा में एडमिशन के लिए छह साल की उम्र पूरी करनी होगी.

क्या कहती है नई शिक्षा नीति? 

नई शिक्षा नीति 2020 की बात करें, तो बच्चों को नर्सरी के लिए तीन साल, लोअर किंडरगार्टन (LKG) के लिए चार साल में एडमिशन दिया जाना चाहिए. वहीं अपर किंडरगार्टन (UKG) के लिए ये उम्र पांच साल है. इसका मतलब है कि बच्चों को छह साल की उम्र में कक्षा 1 में एडमिशन करने से पहले तीन साल का ये बेस पूरा करना होगा.


 

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