JEE Mains Result 2022: जेईई मेन परीक्षा में 300 में से 300 नंबर हासिल कर गुवाहाटी की स्नेहा ने किया टॉप, जानिए परीक्षा को लेकर क्या थी उनकी स्ट्रैटजी

स्नेहा जेईई मेन 2022 जून सत्र परीक्षा के लिए 14 टॉपर्स की सूची में शामिल होने वाली एकमात्र महिला उम्मीदवार हैं. स्नेहा ने बताया कि वह कोचिंग सेंटर में पढ़ाई के साथ दिन में 13-14 घंटे पढ़ाई करती थी. कक्षा 10वीं की परीक्षा में उन्होंने 95% अंक प्राप्त किए थे.

Sneja Pareekh
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:35 PM IST
  • रोज 13 से 14 घंटे करती थी पढ़ाई
  • मोबाइल फोन से रहें दूर

JEE Main 2022 का रिजल्ट आज जारी कर दिया गया है. इस परीक्षा में गुवाहाटी असम की रहने वाली स्नेहा पारीक ने इतिहास रच दिया है. स्नेहा ने 100 परसेंटाइल के साथ 300 में से 300 अंक हासिल कर परीक्षा में टॉप किया है. NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के जून सत्र के लिए जेईई मेन परिणाम 2022 घोषित किए. एनटीए द्वारा साझा किए गए विवरण के अनुसार, स्नेहा उन 14 उम्मीदवारों के एलीट ग्रुप में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने आज घोषित जेईई मेन सत्र 1 परिणाम 2022 में 100 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं.

जेईई मेन जून सेशन रिजल्ट में 300 में से 300 अंक हासिल करने और जेईई मेन टॉपर्स लिस्ट 2022 में स्थान हासिल करने की स्नेहा की उपलब्धि और भी खास है क्योंकि वह यह उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी लड़की हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, स्नेहा जेईई मेन 2022 जून सत्र परीक्षा के लिए 14 टॉपर्स की सूची में शामिल होने वाली एकमात्र महिला उम्मीदवार हैं. जेईई मेन 2022 में अपनी सफलता से पहले भी स्नेहा अपने स्कूल में भी एक मेधावी छात्रा थी. कक्षा 10 की परीक्षा में उन्होंने 95% अंक प्राप्त किए और वह KVPY स्कॉलर भी हैं. स्नेहा के पिता पेशे से एक बिजनेस मेन हैं और उनकी मां गृहिणी हैं.

रोज 13 से 14 घंटे करती थी पढ़ाई
स्नेहा ने बताया कि वह कोचिंग सेंटर में पढ़ाई के साथ दिन में 13-14 घंटे पढ़ाई करती थी. अब वह अपने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) कक्षा 12 के बोर्ड के परिणामों की प्रतीक्षा कर रही हैं. स्नेहा को उम्मीद है कि कक्षा 10वीं की तरह ही वो 12वीं में भी अच्छा प्रदर्शन करेंगी. स्नेहा अब जेईई एडवांस की तैयारी करेगी और जेईई मेन 2022 परीक्षा के सत्र 2 में शामिल नहीं होगी.

इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए स्नेहा ने कहा, “इस उपलब्धि को हासिल करने में मुझे पूरे दो साल की मेहनत लगी. मैं सुबह 4 बजे उठ जाता थी और अपनी पढ़ाई को ज्यादा से ज्यादा समय देता थी." स्नेहा ने कहा, "मैंने मेडिकल के बजाय इंजीनियरिंग को इसलिए चुना क्योंकि मैं अपने देश के लिए टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कुछ नया करना चाहती हूं."

मोबाइल फोन से रहें दूर
जूनियर्स को टिप्स देने के नाम पर स्नेहा ने कह,"मैं अपने जूनियर्स से कहना चाहती हूं कि शिक्षकों के निर्देशों का ठीक से पालन करें और सब कुछ ईमानदारी से करें और अगर वे ऐसा करते हैं तो वह ये उपलब्धि आसानी से हासिल कर पाएंगे जो वे चाहते हैं. मैं उनसे यह भी अनुरोध करूंगी कि वे मोबाइल फोन को दूर रखकर दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ पढ़ाई करें ताकि वो निश्चित रूप से सफल हो सकें. मोबाइल फोन खासकर गेम बहुत ज्यादा ध्यान भटकाते हैं इसलिए इससे बचना बहुत जरूरी है. इसके फायदे से ज्यादा नुकसान हैं. ”

स्नेहा ने आगे कहा,"अगर हम कुछ हासिल करना चाहते हैं और अपना 100 प्रतिशत देना चाहते हैं, तो हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं." गुवाहाटी में स्नेहा के कोचिंग सेंटर के फैकल्टी सदस्यों ने उनकी सफलता का श्रेय उनकी ईमानदारी और समय की पाबंदी को दिया.

टीचर ने भी की स्नेहा की तारीफ
गुवाहाटी में स्नेहा के कोचिंग सेंटर के केंद्र प्रमुख बृजेश कुमार यादव ने इंडिया टुडे को बताया, “पूरे दो साल तक शिक्षक जो कुछ भी पढ़ा रहे थे, उसने सब कुछ ठीक से किया और सभी असाइनमेंट को समय पर पूरा किया और इसके परिणामस्वरूप उसे सफलता मिली. मैं सभी छात्रों से अपील करना चाहूंगा कि स्नेहा को अपना रोल मॉडल बनाएं. अगर वह ऐसा कर सकती है, तो आप क्यों नहीं?


 

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