NCERT में अब नहीं पढ़ाया जाएगा मुगल काल का इतिहास, जानें यूपी बोर्ड के सिलेबस में क्या-क्या हुए बदलाव

यूपी के शिक्षा मंत्री ने साफ कहा है कि जो भी एनसीईआरटी में बदलाव होंगे उसको उत्तर प्रदेश लागू करेगा. जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 12वीं के बोर्ड में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाती हैं. 

up board 12th books
आशीष श्रीवास्तव
  • लखनऊ ,
  • 03 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST
  • यूपी बोर्ड ने अपडेट किया नया सिलेबस
  • NCERT 12वीं के सिलेबस में कई बड़े बदलाव

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में 12 वीं के छात्र को मुगल काल का इतिहास नहीं पढ़ाया जाएगा. एनसीईआरटी के सिलेबस में हुए बदलाव के अनुसार ही यूपी बोर्ड के छात्रों को पढ़ाए जाएगा जिसमें मुगल काल नहीं है. यूपी के शिक्षा मंत्री ने साफ कहा है कि जो भी एनसीईआरटी में बदलाव होंगे उसको उत्तर प्रदेश लागू करेगा. जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 12वीं के बोर्ड में एनसीईआरटी की किताबें पढ़ाई जाती हैं. 

लोगों के भविष्य के लिए किए गए बदलाव

माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के मुताबिक एनसीईआरटी की किताबों में जो भी सिलेबस होगा उसे ही उत्तर प्रदेश लागू करेगा. उत्तर प्रदेश अपने सिलेबस से कोई बदलाव नहीं कर रहा है. अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी के मुताबिक बीजेपी सरकार भलाई के लिए कामकरती है. अगर किसी तरीके का सिलेबस चेंज होता है तो कहीं ना कहीं ये लोगों की तरक्की और लोगों का भविष्य सुधारने के लिए किया जा रहा होगा.

इतिहास में बदलाव ठीक नहीं

समाजवादी पार्टी के नेता अमीक जमीई ने कहा मुगल काल को इतिहास मिटाना अलग चीज है. इतिहास को बनाया जाता है इतिहास बदला नहीं जाता है. बीजेपी इतिहास में भी आरएसएस और भगवा डालना चाहती है. इतिहासकार रवि भट्ट के मुताबिक इतिहास में बदलाव जरूरी है लेकिन उसमें सत्यता होनी चाहिए. पहले के लोग जब इतिहास लिखते थे तो अपने आकाओं को खुश करने के लिए लिखते थे जिसमें कई फैक्ट रह जाते थे. हालांकि समय-समय पर अपग्रेड होने की जरूरत है. सही तथ्य किसी को खुश करने के लिए नहीं होने चाहिए, पहले के इतिहास एक ही दिशा में लिखे गए हैं और यही वजह है देश में इतिहास में बदलाव नहीं किया गया.
 

नई संस्कृति को पढ़ाया जाएगा

लखनऊ विश्वविद्यालय में इतिहास और राजनीति शास्त्र के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट रवि कांत के मुताबिक इतिहास बदलना ठीक नहीं है. राजाओं का कोई इतिहास नहीं रहा, मुगल काल का इतिहास रहा है और अगर वही हट जाएगा तो यह भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा. ऐसे में यह देखना होगा आप दिखाना क्या चाहते हैं और बदलना क्या चाहते हैं. बृजेश पाठक के मुताबिक, नई संस्कृति को पढ़ाया जाएगा क्योंकि हमारी संस्कृति ही हमारी विरासत है.

बता दें, एनसीईआरटी ने 'किंग्स एंड क्रॉनिकल्स; मुगल दरबार (सी. 16वीं और 17वीं सदी)' इतिहास की किताब 'थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट II' से हटा दिए हैं. स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से ‘जन आंदोलन का उदय’ और ‘एक दल के प्रभुत्व का दौर’ को हटाया गया है. नई जानकारी एनसीईआरटी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है. 12वीं के छात्र आधिकारिक वेबसाइट पर इसे चेक कर सकते हैं.

 

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