अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को दिए जाने वाले 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर रोक लगा दी है. ट्रंप के इस फैसले को हार्वर्ड से चुनौती मिल रही है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से सरकार के इस आदेश को असंवैधानिक बताया है. हार्वर्ड का कहना है कि हम यूनिवर्सिटी की स्वतंत्रता से समझौता नहीं करेंगे. कोई भी सरकार ये तय नहीं कर सकती कि निजी विश्वविद्यालय में क्या पढ़ाया जाए, किसे नियुक्त किया जाए. आपको बता दें कि हार्वर्ड दुनिया की सबसे अमीर यूनिवर्सिटी है. इसके पास साढ़े चार लाख करोड़ की प्रॉपर्टी है. चलिए आपको हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बारे में कुछ ऐसे बातें बताते हैं, जिसे आपको जानना चाहिए.
100 देशों की GDP से ज्यादा प्रॉपर्टी-
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के पास इतनी संपत्ति है, जितनी दुनिया के किसी भी यूनिवर्सिटी के पास नहीं है. हार्वर्ड के पास करीब साढ़े 4 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है. यूनिवर्सिटी की प्रॉपर्टी दुनिया के 100 देशों की जीडीपी से अधिक है. इसमें आइसलैंड, ट्यूनिशिया और बहरीन जैसे देश शामिल हैं.
हार्वर्ड के पास हेज फंड, प्राइवेट इक्विटी, रीयल एस्टेट संपत्ति है. हार्वर्ड का सालाना खर्च 19 हजार करोड़ रुपए है. लेकिन हर साल यूनिवर्सिटी को इससे तीन गुना राजस्व मिलता है.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का दबदबा-
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने दुनिया में सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार देने वाला विश्वविद्यालय है. हार्वर्ड ने 161 नोबेल विजेता दिए हैं. ये दुनिया की किसी भी यूनिवर्सिटी में सर्वाधिक संख्या है. इस यूनिवर्सिटी के पास अब तक 210 पेटेंट हैं. हार्वर्ड दुनिया की टॉप 10 विश्वविद्यालयों में शामिल है.
कितना पुराना है हार्वर्ड-
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका का सबसे पुराना उच्च शिक्षण संस्थान है. यह मैसाचुसैट्स शहर के कैंब्रिज में स्थित है. इसकी स्थापना 1636 में कॉलेज के तौर पर की गई थी. इसका नाम इसके संरक्षक प्यूरिटन पादरी जॉन हार्वर्ड के नाम पर रखा गया. यह यूनिवर्सिटी दस एकेडमिक फैकल्टीज और रेडक्लिफ इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी से बना है. यह कला और विज्ञान में ग्रेजुएट और अंडरग्रेजुएट कोर्स ऑफर करता है. जबकि अन्य फैकल्टी में सिर्फ ग्रेजुएट कोर्स उपलब्ध है.
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