जर्नलिज्म के स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्रदान किया है. इस दर्जे के साथ अब पत्रकारिता और जनसंचार के लिए अग्रणी संस्थान आईआईएमसी डॉक्टरेट सहित डिग्री प्रदान करने के लिए अधिकृत है. इस बात की जानकारी आईआईएमसी ने भी अपने एक्स अकाउंट पर शेयर की है.
शुरू करना होगा पीजी विभाग
डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा आईआईएमसी नई दिल्ली और जम्मू (जम्मू और कश्मीर), अमरावती (महाराष्ट्र), आइजोल (मिजोरम), कोट्टायम (केरल) और ढेंकनाल (ओडिशा) में स्थित इसके क्षेत्रीय परिसरों को मिला है. यूजीसी की तरफ से विशिष्ट श्रेणी (Distinct Category) के तहत आईआईएमसी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया है. आशय पत्र जारी होने के 3 साल के भीतर संस्थान कम से कम पांच पीजी विभाग शुरू करेगा. संस्थान प्रस्तावित पाठ्यक्रमों और अनुसंधान कार्यक्रमों के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम प्रस्तुत करेगा.
क्या-क्या होंगे फायदे
डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त संस्थान कोर्स, फीस आदि तय करने के लिए स्वतंत्र होते हैं. इसका मतलब है कि अब आईआईएमसी से ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और डॉक्टरेट डिग्री ऑफर की जा सकती है. इसके साथ ही नये प्रोगाम इंट्रोड्यूस करने हों, एग्जामिनेशन करवाने हों या किसी और काम का मैनेजमेंट हो, सब कुछ करने के लिए यह संस्थान अब स्वतंत्र है.
संस्थान अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रतिबद्ध
आईआईएमसी ने एक्स पर किए अपने पोस्ट लिखा है, आईआईएमसी नई दिल्ली और इसके पांच क्षेत्रीय केंद्रों को मानद विश्वविद्यालय घोषित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय को बहुत-बहुत धन्यवाद. आगे पोस्ट में लिखा है, आईआईएमसी जनसंचार में शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रतिबद्ध है.
1965 में हुई थी स्थापना
भारतीय जनसंचार संस्थान की स्थापना 17 अगस्त 1965 को भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत की गई थी. 2018 में नीति आयोग की ओर से उच्च शिक्षा संस्थानों की समीक्षा के दौरान आईआईएमसी को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज या जामिया मिलिया इस्लामिया के मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर के साथ विलय करने का सुझाव दिया गया था. हालांकि आईआईएमसी ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय (तत्कालीन मानव संसाधन विकास) के साथ मिलकर इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.
देश में 4 तरह की हैं यूनिवर्सिटी
1. सेंट्रल यूनिवर्सिटी
2. स्टेट यूनिवर्सिटी
3. प्राइवेट यूनिवर्सिटी
4. डीम्ड यूनिवर्सिटी
डीम्ड यूनिवर्सिटी
डीम्ड यूनिवर्सिटी अन्य सभी विश्वविद्यालयों की तरह ही संचालित होती है. डीम्ड दर्जा प्राप्त होने का मतलब यह है कि ये सीधे यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय की देखरेख में संचालित होगी. राज्य सरकार का सीधा दखल यहां नहीं होता. डीम्ड यूनिवर्सिटी पूरे देश में हैं. यदि किसी उच्च शिक्षण संस्थान को लगता है कि उसे डीम्ड दर्जा चाहिए तो वह सीधे यूजीसी में अप्लाई करेगा. तय कमेटी उस आवेदन पर विचार करेगी. सब कुछ ठीक पाए जाने पर आवेदक संस्थान को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिल जाता है.
सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटी
केंद्रीय विश्वविद्यालय संसद में पास अधिनियम द्वारा स्थापित किए जाते हैं. भारत के राष्ट्रपति कुछ अपवादों को छोड़कर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के चांसलर हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सभी के रखरखाव और विकास के लिए धन का प्रबंध करता है. हाल के वर्षों में लगभग हर राज्य में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है. स्टेट यूनिवर्सिटी किसी भी राज्य विधान मंडल के अधिनियम द्वारा स्थापित किए जाते हैं. राज्य सरकारें राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए उत्तरदायी हैं. उनके विकास और रखरखाव के लिए फंड देती हैं. बड़ी संख्या में ऐसे राज्य विश्वविद्यालय हैं, जिन्हें यूजीसी से भी कुछ न कुछ आर्थिक मदद मिलती है.