एक किसान की बेटी, जो कभी 11वीं कक्षा में फेल हो गई थी, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षा में छठे स्थान पर आकर डिप्टी कलेक्टर बन गई है. प्रियल यादव की कहानी हम सबके लिए प्रेरणा है और इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत और दृढ़ता किसी को बाधाओं पर काबू पाने में कैसे मदद कर सकती है.
27 साल की प्रियल का कहना है कि वह 10वीं कक्षा तक क्लास टॉपर रहीं लेकिन रिश्तेदारों के दबाव के कारण, उन्होंने साइंस चुनी जबकि उन्हें इस विषयों में खास दिलचस्पी नहीं थी और वह 11वीं में फेल हो गई. यह फेलियर आसान नहीं था लेकिन यह अकादमिक जिंदगी में उनका पहला और आखिरी फेलियर था.
हासिल की 6th रैंक
प्रियल ने 2019 में एमपीपीएससी परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की और जिला रजिस्ट्रार के पद के लिए चुनी गईं. साल 2020 में अपने अगले प्रयास में, उन्हें 34वीं रैंक मिली और उन्हें सहकारी विभाग में सहायक आयुक्त के पद के लिए चुना गया. वर्तमान में इंदौर में जिला रजिस्ट्रार के रूप में तैनात प्रियल ने एमपीपीएससी परीक्षा 2021 में छठी रैंक हासिल की, जिसके परिणाम हाल ही में घोषित किए गए.
इंदौर हरदा के ग्रामीण इलाके से आने वाली प्रियल के पिता एक किसान हैं, और उनकी मा एक गृहिणी हैं. वह एक ग्रामीण इलाके से आती हैं, जहां लड़कियों की शादी कम उम्र में हो जाती है, लेकिन उनके माता-पिता ने मुझ पर शादी के लिए दबाव नहीं डाला और उन्हें पढ़ाई करने की पूरी आजादी दी.
करना चाहती हैं UPSC की तैयारी
प्रियल ने कहा कि वह राज्य में डिप्टी कलेक्टर के रूप में काम करते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की तैयारी करना चाहती हैं. एक अधिकारी के मुताबिक, प्रियल एमपीपीएससी परीक्षा 2021 में डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चुने गए टॉप 10 उम्मीदवारों में शामिल थीं.
(धर्मेंद्र शर्मा की रिपोर्ट)