कहते हैं कामयाबी की मंजिल चाहे कितनी भी मुश्किल क्यों न हो अगर आपकी मेहनत में दम है तो सक्सेस मिलकर ही रहती है. फिर चाहे परिस्थितियां कुछ भी क्यों न हों. ये कहानी है दो लड़कियों की, जिनके जीवन में संघर्ष भले ही अलग रहे हों, लेकिन उनके सपने और मेहनत ने उन्हें एक ही मुकाम पर ला खड़ा किया. एक आईएएस (IAS) अफसर की बेटी और दूसरी उनके ड्राइवर की. दोनों ने एक साथ जज बनने का सपना देखा और अब उसे पूरा भी कर लिया है.
दरअसल, हाल ही में हरियाणा ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम 2024 का रिजल्ट घोषित कर दिया गया है, जिसमें एक अनोखी कहानी सामने आई है. जिसमें हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग (HSAM) बोर्ड में चीफ एडमिनिस्ट्रेटर मुकेश कुमार आहूजा की बेटी पारस और उनके ड्राइवर होशियार सिंह की बेटी समीक्षा जज बनी हैं.
पारस और समीक्षा की रैंक
आईएएस मुकेश कुमार आहूजा की बेटी पारस ने पूरे हरियाणा में 12वीं रैंक हासिल की है जबकि ड्राइवर होशियार सिंह की बेटी समीक्षा ने एससी कैटेगरी में सेकेंड टॉप किया है.
अपने से ज्यादा समीक्षा के सेलेक्शन होने की खुशी हुई
मीडिया से बातचीत में पारस ने कहा कि जिस दिन रिजल्ट आया और पता चला कि समीक्षा भी सेलेक्ट हो गई है तो मुझे खुद से ज्यादा उसके जज बनने ने की खुशी हुई. मैं अच्छे परिवार से हूं. मैने शुरू से वैसा ही माहौल देखा है लेकिन समीक्षा ने ज्यादा कुछ नहीं रहते हुए भी कड़ी मेहनत और अपने परिवार के सपोर्ट से इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है.
पिता को अच्छे से पता था अफसरों की लाइफ
जज बनने के बाद समीक्षा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, साल 2007 से ही उनके पिता अफसरों के साथ हैं. उन्हें मालूम था कि अफसरों की लाइफ स्टाइल कैसी होती है, इसलिए वे हमेशा चाहते थे कि मरी बेटी भी अफसर बने. बचपन में किताबों में जजों की तस्वीर देखकर अच्छा लगता था और में प्रेरित भी हुआ करती थी. तभी ठान लिया था कि एक दिन जज ही बनूंगी.
फूले नहीं समा रहे पारस और समीक्षा के पिता
बेटियों के कामयाबी के बाद मीडिया से बात करते हुए दोनों के फादर्स ने अपनी खुशी का इजहार किया. होशियार सिंह ने कहा, यह तो किस्मत की बात है कि मैं ड्राइवर और साहब आईएएस बने. सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी बेटी भी जज बन जाएगी. दोनों बेटियों के जज बनने पर इस बार की दिवाली की खुशियां और भी ज्यादा हो गई हैं. वहीं, मीडिया से बातचीत करते हुए मुकेश कुमार आहूजा ने कहा कि जब पता चला कि पारस की तरह ही समीक्षा भी न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही है तो दोनों बेटियों को एक दूसरे से मिलाया क्योंकि मेरी नजर में सभी बच्चे बराबर हैं. मैं दोनों को ऊंचाइयों पर देखना चाहता हूं.