बिहार में नहीं टलेंगी इंटरमीडिएट परीक्षाएं, आधार कार्ड की मदद से कर सकेंगे एग्जाम हॉल में एंट्री

बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार और बिहार स्कूल एग्जामिशेन बोर्ड की वर्तमान में यही मंशा है कि परीक्षाएं समय पर हो, ताकि छात्रों के भविष्य पर असर न हो.

बिहार में नहीं टलेंगी इंटरमीडिएट परीक्षाएं
सुजीत झा
  • पटना,
  • 13 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:44 PM IST
  • समय पर ही होंगी परीक्षाएं: शिक्षा मंत्री
  • शुरू हो चुकी हैं इंटरमीडिएट प्रैक्टिकल परीक्षाएं

देश भर में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है. इसी के साथ देशभर में स्कूल और कॉलेज बंद ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं. यहां तक की कई राज्यों में परीक्षाओं को भी टाल दिया गया है. लेकिन बिहार सरकार ने ये फैसला लिया है कि राज्य में इंटरमीडिएट की परीक्षा समय पर होगी. कोविड के बढ़ते प्रभाव के बावजूद सरकार की मंशा है कि बिहार के इंटरमीडिएट के छात्रों की परीक्षा समय पर हो. 

समय पर ही होंगी परीक्षाएं: शिक्षा मंत्री
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार और बिहार स्कूल एग्जामिशेन बोर्ड की वर्तमान में यही मंशा है कि परीक्षाएं समय पर हो, ताकि छात्रों के भविष्य पर असर न हो. पिछले साल भी बिहार देश में इकलौता राज्य रहा, जिसमें समय से परीक्षा हुई थी और रिजल्ट आया था. बिहार में इंटरमीडिएट की परीक्षा 1 फरवरी से 14 फरवरी तक होनी है, इसका ऐलान काफी पहले कर दिया गया था. अब कोविड के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इसे टालने की आशंका बनी हुई थी लेकिन शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कहा कि परीक्षाएं समय पर ही होंगी.  विभाग के मुताबिक बिहार सरकार के कोरोना गाइडलाइन में वार्षिक और प्रतियोगी परीक्षाओं पर कोई रोक नहीं लगाई गई है.

शुरू हो चुकी हैं इंटरमीडिएट प्रैक्टिकल परीक्षाएं 
10 जनवरी से शुरू हुए ये प्रैक्टिकल की परीक्षाएं 20 जनवरी तक चलेंगी. इस दौरान परीक्षा केन्द्र पर भी छात्रों को वैक्सीन लगाने का काम भी चल रहा है. बिहार में इंटरमीडिएट की परीक्षा में 12 से 13 लाख परीक्षार्थी परीक्षा देते है. चूंकि 15 से 18 वर्ष के बच्चों को वैक्सीन देने का काम भी शुरू हो गया है ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग को परीक्षा लेने में कोई कठिनाई नजर नहीं आ रही हैं. मैट्रिक की परीक्षा भी 17 फरवरी से 24 फरवरी तक होना है 

बोर्ड ने तैयार कि एग्जामिनेशन ऐप
बिहार के लाखों परीक्षार्थी  परीक्षा में बैठते हैं. जिसे लेकर बोर्ड तैयारी में जुट गया है. इस बार फरवरी में होने  वाले इंटरमीडिएट और मैट्रिक परीक्षाओं को लेकर नई तकनीक का भी इस्तेमाल हो रहा है. बोर्ड ने परीक्षार्थी को सेंटर पर परीक्षा की अनुमति देने के बाद वहां के प्रमुख इंविजीलेटर एग्जामिनेशन एप पर जाकर एडमिट कार्ड करेक्शन लिंक की मदद से छात्रों का रोल कोड और रोल नंबर सेलेक्ट कर फोटो सहित बोर्ड को भेजेंगे. ये व्यवस्था भी बोर्ड की ओर से की जा रही है. बिहार बोर्ड की ओर से जारी हुई ताजा जानकारी के मुताबिक अब छात्रों को कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. उनकी उपस्थिति और स्पेल्ड होने का डेटा भी ऑनलाइन किया जाएगा. ताकि परीक्षाओं का संचालन ठीक ढंग से किया जा सके. बिहार बोर्ड छात्रों से जुड़ी सभी जानकारी से परीक्षा के दौरान अपडेट रहेगा, ताकि छात्रों को कोई दिक्कत ना हो. एग्जामिनेशन ऐप को स्टूडेंट्स फ्रेंडली बनाकर उसे छात्रों को समझाया जा रहा है. वहीं बोर्ड की ओर से बोर्ड कर्मचारियों को उचित ट्रेनिंग भी दी जा रही हैं.

आधार कार्ड दिखाकर पा सकेंगे एग्जाम हॉल में एंट्री
परीक्षार्थी पहले एग्जाम हॉल में एंट्री के लिए प्रवेश पत्र और बोर्ड की ओर से निर्गत एडमिट कार्ड दिखाकर एंट्री पाते थे. अब उन्हें बोर्ड ने एक और बेहतर विकल्प देने का फैसला किया है. बोर्ड के ताजा फैसले के मुताबिक इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2022 में अगर किसी छात्र के एडमिट कार्ड में कोई गलती होगी. या फोटो क्लियर नहीं होगा, तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है. वो परीक्षार्थी अपना आधार कार्ड दिखाकर एक्जाम हॉल में एंट्री पा सकता है. छात्र को परेशानी से बचाने के लिए बोर्ड ने ये अहम फैसला किया है.

छात्रों की सुविधा के लिए उठाया कदम
परीक्षार्थियों को एग्जाम हॉल में एंट्री के लिए चुनाव में आयोग की तरफ से किए जाने वाले वैकल्पिक व्यवस्था की तरह बिहार बोर्ड ने भी उन्हें अपने साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड या फिर बैंक पासबुक साथ रखने की इजाजत दी है. बोर्ड के मुताबिक वो अपने किसी भी सरकारी मान्यता प्राप्त कार्ड के आधार पर एग्जाम में एंट्री पा सकते हैं. गुरुवार को बिहार बोर्ड की ओर से ये आदेश जारी कर दिया गया है. बोर्ड के मुताबिक इंटर परीक्षा के दौरान कई ऐसे छात्र परेशान हो जाते हैं, जिनकी जानकारी एडमिट कार्ड में अपडेट नहीं रहती है. फोटो क्लियर नहीं होने और नाम क्लियर नहीं होने पर इंविजीलेटर को उसे मिलाने में परेशानी होती है. जिसे देखते हुए बोर्ड ने वैकल्पिक कदम की व्यवस्था की है.

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