कहते हैं कि अगर आप मन में कुछ करने की ठान लें, तो रास्ते में आने वाली सभी रुकावटें भी आपका रास्ता नहीं रोक सकती. ये बात हमने बहुत बार सुनी होगी, लेकिन इस कहावत को जम्मू कश्मीर की एक बेटी इंशा मुस्ताक ने सच कर दिखाया है. उसने अपने हौसले के दम पर ऐसा काम किया है जिसकी सभी तरह तारीफ हो रही है. 2016 में इंशा मुस्ताक की बैलेट लगने से उनकी आखों की रोशनी चली गई थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत के दम पर जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (JKBOSE) ने 12वीं बोर्ड परीक्षा की परीक्षा पास की है.
आंखों की रोशनी जाने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत
2016 में बुरहान वाणी के मारे जाने के बाद कश्मीर में भड़की हिंसा के दौरान दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले की रहने वाली 13 वर्षीय इंशा मुस्ताक की आंखों की रोशनी बैलट लगने से चली गई थी. इंशा मुस्ताक तब सुर्खियों में आई, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इंशा मुस्ताक के इलाज के लिए उसे उच्च स्तरीय स्थानों तक पहुंचाया था. लेकिन डॉक्टरों के प्रयास के बावजूद उसकी आंखों की रोशनी नहीं लौटी. इस हादसे के बाद भी इंशा ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखीं. उसने अपनी मेहनत के दम पर जम्मू कश्मीर की 12वीं बोर्ड परीक्षा 74% अंको से पास की है. इस परीक्षा में इंशा ने 500 में से 370 नंबर हासिल किए है.
65 प्रतिशत छात्रों ने पास की 12वीं बोर्ड की परीक्षा
जम्मू और कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (JKBOSE) ने 12वीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है. इस साल 12वीं बोर्ड परीक्षा में 65% छात्र पास हुए है. इस साल लड़कियों ने लड़कों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. 12वीं बोर्ड परीक्षा में 68% लड़कियां और 61% लड़के पास हुए है. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सभी छात्रों को बधाई दी है.
इंशा मुस्ताक ने माता-पिता को दिया कामयाबी का श्रेय
दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले की रहने वाली इंशा मुस्ताक ने 12वीं परीक्षा 74% अंकों से पास करने के बाद अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता के साथ स्कूल प्रशासन को भी दिया है. इतना बड़ा हादसा हो जाने के बाद भी इंशा मुस्ताक ने हिम्मत नहीं हारी. अपनी पढ़ाई की लगन से उन्होंने ऐसा काम करके दिखाया है जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बना सकता है.
अशरफ वानी ( जम्मू ) की रिपोर्ट...