जम्मू-कश्मीर में मरहामा, अनंतनाग के 16 वर्षीय गौहर अहमद तांत्रे ने पोल्ट्री क्षेत्र के लिए एक पोर्टेबल एग इनक्यूबेटर बनाया है. उन्होंने आठवीं कक्षा में भी यह बनाने की कोशिश की थी लेकिन पिछले साल 10वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद तांत्रे ने फिर से इस प्रोजेक्ट को शुरू किया. इस बार उन्होंने उन सभी समस्याओं को पार किया और डिवाइस बनाने में सफल रहे.
स्कूल ने दिया सपोर्ट
तांत्रे ने कहा कि उन्हें उनके स्कूल ने सपोर्ट किया. उन्हें बिना किसी रोक के बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई ताकि वह अंडे सेने के लिए तापमान बनाए रख सकें. उन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान सीखे ज्ञान का उपयोग किया. इनक्यूबेटर में लगभग सभी अंडे सेए गए थे, जिसका मतलब है कि उनका नवाचार सफल है.
तांत्रे के अनुसार इनक्यूबेटर में एक बार में लगभग 400 अंडे सेए जा सकते हैं. ग्यारहवीं कक्षा के छात्र तांत्रे ने कहा कि उन्होंने इनक्यूबेटर बनाने के लिए आसानी से उपलब्ध सामग्री और फिलामेंट बल्ब का इस्तेमाल किया.
बनाया सस्ता इनक्यूबेटर
हालांकि, बाजार में पहले से इनक्यूबेटर उपलब्ध हैं लेकिन उनकी कीमत 50,000 रुपये से 80,000 रुपये और उससे अधिक है. तांत्रे ने सबसे सस्ता इनक्यूबेटर बनाया है जिसकी कीमत सिर्फ 3,000 रुपये होगी.
तांत्रे ने कहा कि उनका इनक्यूबेटर जल्द ही देश भर के बाजार में उपलब्ध होगा. वह इसे बड़े पैमाने पर बनाने की प्रक्रिया में हैं ताकि पोल्ट्री उद्योग को लाभ हो. अभी वह पर्याप्त इनक्यूबेटर बनाने में व्यस्त हैं ताकि घाटी के सभी जिलों में इनकी मार्केटिंग की जा सके और ग्राहकों को बेचा जा सके.
बनाएंगे सोलर इनक्यूबेटर
तांत्रे अब एक सोलर इनक्यूबेटर बनाने की योजना बना रहे हैं ताकि सर्दियों के महीनों के दौरान बड़ी संख्या में अंडे सेना संभव हो सके. उन्होंने कहा कि इनक्यूबेशन को निरंतर बिजली आपूर्ति की आवश्यकता होती है. इस इनोवेशन को और भी आसान बनाने के लिए, वह सौर प्लेटों वाली एक मशीन डिजाइन करने की योजना बना रहे हैं. इनक्यूबेटर अंडे सेने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करेगा.
(अशरफ वानी की रिपोर्ट)