बिहार के जमुई में मिठाई का दुकान चलाने वाले एक दुकानदार की बेटी ने स्टाफ सेलेक्शन परिषद द्वारा आयोजित CPO-2020 की परीक्षा में सफलता हासिल की है. इस परीक्षा को पास करने के बाद वह सीआरपीएफ में बतौर सब-इंस्पेक्टर नियुक्त हुई है. सबसे बड़ी बात यह है कि सीपीओ-2020 की परीक्षा में सीआरपीएफ के सब-इंस्पेक्टर पद के लिए चुनी जाने वाली शिल्पी रानी जमुई की इकलौती बेटी हैं.
शिल्पी रानी के पिता जमुई में एक मिठाई की दुकान चलाते हैं और उनका नाम है उमेश प्रसाद केशरी. अपनी बेटी के पढ़ाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी और आज एक मुकाम तक पहुंचा दिया. शिल्पी के सीआरपीएफ के सब-इंसपेक्टर पद पर चयन होने से उसके परिवार वालों में खुशी का माहौल है.
आ चुका है नियुक्ति पत्र
शिल्पी के पिता बेटे और बेटी में कोई फर्क नहीं करते हैं. बड़ी बेटी, शिल्पी पढ़ाई पूरी कर सीआरपीएफ के सब-इंसपेक्टर पद पर अपना योगदान देंगी जबकि उनका बेटा पटना में रहकर पढ़ाई कर रहा है. SSC द्वारा आयोजित परीक्षा में पूरे देश में लड़कियों के लिए 131 रिक्तियां थी जबकि कुल रिक्तियां करीब 1500 के आसपास थी.
शिल्पी रानी का चयन 131 रिक्तियों पर हुआ और वह बिहार की एकलौती बेटी है जिनका चयन सीआरपीएफ के सब-इंसपेक्टर पद पर हुआ है. इसको लेकर शिल्पी को गृह मंत्रालय से नियुक्ति पत्र भी आ चुका है और वह कुछ दिनों के अंदर लखनऊ में सर्विस शुरू करेंगी. शिल्पी महिला बटालियन के लिए काम करेंगी.
अभी पूरा नहीं हुआ है सपना
शिल्पी ने यह सफलता दूसरे प्रयास में हासिल की. पहली बार वह फिजिकल क्वालीफाई नहीं कर सकी थीं. लेकिन इस बार उन्होंने फिजिकल क्वालीफाई करने के लिए कड़ी मिहनत की. शिल्पी का कहना है कि उनका सपना अभी अधूरा है. वह विदेश मंत्रालय या फिर इनकम टैक्स विभाग में नौकरी करना चाहती है. इसकी तैयारी वह 2018 से कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि पुलिस को लोग दूसरे नजरिए से देखते हैं. इसी नजरिया को बदलने के लिए उन्होंने विभाग में जाकर लोगों की इस सोच को बदलने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि वर्दी पहनकर देश की सेवा करना और लोगों की सेवा करने की सोच लेकर पुलिस विभाग में नौकरी करने का फैसला उन्होंने लिया. शिल्पी की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जमुई से ही हुई और स्नातक की डिग्री भी जमुई के के.के.एम.कॉलेज से पूरी की है.
फिजिकल क्वालीफाई करना रहा मुश्किल
शिल्पी का कहना है कि पढ़ाई से ज्यादा मेहनत उन्हें फिजिकल क्वालीफाई करने में लगी. उन्होंने कहा कि किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए सेल्फ स्ट़डी करना बहुत जरुरी है. उनका कहना है कि पिता के मेहनत से सीख लेकर वह आज इस मुकाम तक पहुंची हैं.
शिल्पी के पिता उमेश प्रसाद केशरी ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों कोअच्छे संस्कार दिए हैं. वह बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं समझते हैं. आज अपनी बेटी की कामयाबी पर उन्हें गर्व है.
(राकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट)