बिहार को अभी तक आईएएस (IAS) और पीसीएस (PCS) के हब के रूप में देखा जाता था लेकिन अब बिहार का एक गांव इंजीनियर्स का हब के तौर पर उभरा है. जी हां, इस गांव से एक साथ कुल 40 स्टूडेंट्स ने जेईई मेंस एग्जाम (JEE Mains Exam) क्वालीफाई किया है. अब ये सभी विद्यार्थी आईआईटी एंट्रेंस JEE Advanced की परीक्षा में शामिल होंगे. इस तरह से इस गांव के बच्चों ने अपने गांव और राज्य का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया है.
इतने विद्यार्थियों ने मारी बाजी
आपको मालूम हो कि गत 19 अप्रैल को जेईई मेंस 2025 का रिजल्ट जारी किया गया था. इस परीक्षा में गया जिले के मानपुर प्रखंड स्थित पटवा टोली गांव के 40 विद्यार्थियों ने बाजी मारी है. इस 40 स्टूडेंट्स में से 24 विद्यार्थियों ने 100 पर्सेंटाइल स्कोर हासिल किया है. इसके अलावा कई विद्यार्थियों के 95 फीसदी से अधिक नंबर आए हैं.
इन स्टूडेंट्स ने लाए अच्छे अंक
जेईई मेंस 2025 एग्जाम में अच्छे नंबर लाने वाले विद्यार्थियों में कई के नाम शामिल हैं. पटवा टोली गांव की छात्रा शरण्या ने 99.64 प्रतिशत अंक लाए हैं. आलोक ने 97.7 फीसदी अंक लाए आए हैं. शौर्य ने 97.53 फीसदी अंक, यशराज ने 97.38, शुभम ने 96.7, प्रतीक ने 96.55, केतन ने 96.00, निवास ने 95.7 और सागर कुमार ने 94.8 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. अब ये सभी विद्यार्थी मई में होने वाली जेईई एडवांस परीक्षा में शामिल होंगे.
पहले जाना जाता था बुनकरों के गांव के नाम से
आपको मालूम हो कि पटवा टोली गांव की जनसंख्या करीब 21 हजार है. इस गांव के अधिकतर लोग बुनाई पर निर्भर हैं. इस गांव को पहले बुनकरों के गांव के नाम से जाना जाता था, अब यह गांव इंजीनियर्स के हब के रूप में मशहूर है.
इस गांव को हर साल 15-20 आईआईटीयन तैयार करने के लिए भी जाना जाता है. पटवा टोली गांव इतना फेमस हो चुका है कि यहां दूसरे राज्यों के छात्र भी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम यानी जेईई मेन्स और जेईई एडवास्ड की तैयारी करने के लिए आते हैं और सफल होते हैं.
इस गांव के विद्यार्थियों ने कैसे किया कमाल
पटवा टोली गांव को बुनकरों के गांव से इंजीनियर्स का हब बनाने में एक गैर सरकारी एनजीओ वृक्ष फाउंडेशन की भूमिका रही है. दरअसल, यह एनजीओ बुनकरों के बच्चों को इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास कराने में मदद करता है.
इस संस्था के सहयोग से ही पटवा टोली के 40 से अधिक विद्यार्थियों ने जेईई मेंस की परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है. वृक्ष फाउंडेशन के अध्यक्ष दुर्गेश्वर प्रसाद ने बताया कि इस गांव के बच्चों ने अपनी आर्थिक तंगी के बावजूद, पढ़ाई के प्रति अटूट विश्वास ने एक प्रेरणादायक विरासत बनाई है. आज गांववालों के बच्चे शिक्षा के जरिए नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं.