Failures to success stories: कई बार हुए फेल...लेकिन नहीं मानी हार, आज दुनिया भी इनके सामने टेकती है घुटने

घैर्य और लगन से मेहनत करने वाले लोगों को सफलता की सीढ़ी चढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है. वे बार-बार असफल हो सकते हैं लेकिन कभी निराश नहीं होते न ही कभी हार मानते हैं. ये लोग अपनी असफलताओं से सीखते हैं और अपने लक्ष्यों की ओर लगातार बढ़ते रहते हैं.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 6:02 PM IST
  • मेहनत के दम पर इन लोगों ने मुट्ठी में की दुनिया
  • कई बार हुए फेल...लेकिन नहीं मानी हार

कोटा में स्टूडेंट्स की आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस साल कोटा में तैयारी करने वाले 23 छात्रों ने सुसाइड किया है. कम नंबर और फेल होने के डर से बच्चे मौत को गले लगा रहे हैं. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कोटा के कोचिंग सेंटरों में रूटीन टेस्ट कराने पर रोक लगा दी है. सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगले दो महीने तक बच्चों को मेंटल सपोर्ट और सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. हर बुधवार को हाफ टाइम ही क्लास लगेगी. बाकी हाफ टाइम में पढ़ाई की जगह फन होगा. इससे स्टूडेंट को स्ट्रेस कम होगा.

जो लोग आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं उनके लिए असफलता, सफलता का ही एक रूप है, जो इनके जीवन में आता है और आएगा ही, बस हिम्मत चाहिए तो इसका सामना करने की. घैर्य और लगन से मेहनत करने वाले लोगों को सफलता की सीढ़ी चढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है. वे बार-बार असफल हो सकते हैं लेकिन कभी निराश नहीं होते न ही कभी हार मानते हैं. ये लोग अपनी असफलताओं से सीखते हैं और अपने लक्ष्यों की ओर लगातार बढ़ते रहते हैं. दुनिया में ढेरों ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जहां कई बार असफलता हाथ आने के बाद भी लोगों ने हार नहीं मानी और आज दुनियाभर में इन लोगों का नाम है. 

संदीप माहेश्वरी

मोटिवेशनल स्पीकर संदीप माहेश्वरी आज किसी परिचय के मोहताज नही हैं. लेकिन एक समय ऐसा बी था जब उनकी गिनती फेलियर में होती थी. पढ़ाई में मन नहीं लगता तो उन्होंने बतौर फ्रीलांस फोटोग्राफर अपना करियर शुरू किया. वे कॉलेज ड्रॉप आउट हैं. संदीप लोगों को मोटिवेट करने का काम भी करते हैं और उनसे प्रभावित होकर न जाने कितने लोगों को जीवन में सही राह चुनने में मदद मिली है.

कर्नल सैंडर्स 

कर्नल सैंडर्स को अगर असफलता का पर्याय कहा जाए तो गलत नहीं होगा...लेकिन उनकी हार न मानने की जिद ही थी कि आज दुनिया उन्हें केएफसी के मालिक के तौर पर जानती है. कर्नल सैंडर्स में 7वीं में ही पढ़ाई छोड़ दी और छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए. कभी इंश्योरेंस बेचा तो कभी क्रेडिट कार्ड बेचे, लेकिन किसी भी काम में  उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई. वे जहां जाते उन्हें ना सुननी पड़ती. आखिरकार किस्मत ने भी उनके सामने घुटने टेक दिए और 67 साल की उम्र में उन्होंने केएफसी की स्थापना की. आज इसके दुनियाभर में 55,000 आउटलेट्स हैं.

वीरदास

देश के मशहूर कॉमेडियन वीर दास बचपन से पढ़ाई में बहुत कमजोर थे. उन्हें बोर्ड परीक्षा में बहत खराब नंबर मिले थे. हालांकि परीक्षा के परिणाम आपको सफल बनने से नहीं रोकते हैं. आज वीरदास ने खुद को कॉमेडी एक्टर के रूप में स्थापित कर लिया है. वे अधिकतर फिल्म में कॉमिक रोल में ही नजर आए हैं. 

स्टीव जॉब्स

आज स्टीव जॉब्स को कौन नहीं जानता. Apple कंपनी को शुरू करने वाले स्टीव जॉब्स को उनकी ही कंपनी से एक समय में निकाल दिया गया था. अपने कई इंटरव्यूज में स्टीव इस बात का जिक्र कर चुके हैं. एप्पल से निकाला जाना उनके लिए जीवन में एक नया अवसर लेकर आया. इतना ही नहीं उन्हें कॉलेज से भी निकाला गया था. लेकिन जॉब्स ने कड़ी मेहनत करके एप्पल को दुनिया की नंबर वन स्मार्टफोन कंपनी बनाया.

अब्राहम लिंकन

अमेरिका के मशहूर राष्ट्रपति रहे अब्राहम लिंकन असफलता के एक बड़े उदाहरण हैं. 1831 में बिजनेस में फेल होने, 1836 में एक नर्वस ब्रेकडाउन से पीड़ित, 1856 में राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर होने के बाद भी अब्राहम लिंकन ने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करते रहे. लिंकन को 1861 में संयुक्त राज्य अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था.

 

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