मध्य प्रदेश में जूनियर हाई स्कूल के स्टूडेंट्स को बड़ी राहत मिलने वाली है. अब छठी से 8वीं तक के बच्चों को शनिवार को बिना बैग के स्कूल जाना होगा. सूबे के स्कूल शिक्षा विभाग ने फैसला किया है कि शनिवार को बच्चों को दूसरी एक्टिविटीज में शामिल किया जाएगा. इसलिए उनको बिना बैग के स्कूल जाना होगा. सरकार ने ये फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लिया है.
हफ्ते में एक दिन किताबों से मिलेगी मुक्ति-
मध्य प्रदेश में जूनियर हाई स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को हफ्ते में एक दिन बैग से मुक्ति मिलेगी. इसमें छठवीं से 8वीं तक की क्लास शामिल है. बच्चे सप्ताह में एक दिन बिना बैग के स्कूल जाना होगा और ये दिन शनिवार होगा. इस दिन छात्र स्कूल में पढ़ाई नहीं करेंगे, बल्कि खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसी चीजों में हिस्से लेंगे. शिक्षा विभाग का मानना है कि इससे बच्चों को सर्वांगीण विकास होगा.
शनिवार को क्या करेंगे स्टूडेंट्स-
शनिवार को बैगलेस डे माना गया है. इस दिन छात्र कई गतिविधियों में हिस्सा लेंगे. इसमें ड्राइंग और पेंटिंग के अलावा मिट्टी से खिलौने बनाना, मुखौटे बनाना जैसी गतिविधियां शामिल हैं. इसके अलावा लोकगीत, नृत्य, नाटक, कविता पाठ जैसे साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे.
खेती-किसानी भी सीखेंगे बच्चे-
शिक्षा विभाग की योजना है कि शनिवार को बैगलेस होने से बच्चों को कई तरह की चीजें सीखने का मौका मिलेगा. इस दिन बच्चों को खेती-किसानी की चीजों के बारे में भी बताया जाएगा. इसमें पॉलीफॉर्मिंग, ऑर्गेनिक फॉर्मिंग, औषधीय पौधों की जानकारी जैसी चीजें शामिल हैं. बच्चों को बैंक, पुलिस स्टेशन, अस्पताल और अनाज मंडी ले जाया जाएगा और उनको इन सबके बारे में बताया जाएगा.
स्कूल बनाएंगे बैगलेस डे के लिए कैलेंडर-
शिक्षा विभाग ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है. स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और टीचर्स से बातचीत करके बैगलेस डे के लिए गतिविधियों का कैलेंडर तैयार करने का निर्दश दिया गया है. इसकी जानकारी शिक्षा केंद्र के ईमेल आईडी पर भेजनी है. हर हफ्ते बैगलेस डे मनाने का मकसद बच्चों को नई चीजें सोचने लायक और जिम्मेदार नागरिक बनाना है. इससे बच्चों में नई समझ विकसित होगी. बच्चों में वैज्ञानिक एप्रोच और रचनात्मकता का विकास होगा.
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