Inspiring Story: पुलिस अफसर ने शुरू किया जय हिंद शिक्षा संस्थान, गरीब छात्रों को कराते हैं सरकारी एग्जाम्स की मुफ्त कोचिंग

मध्य प्रदेश के भोपाल में पुलिस उपाधीक्षक, प्रदीप मिश्रा Super 30 की तर्ज पर जय हिंद शिक्षा संस्थान (JHSS) की शुरुआत की और इसके तहत वे गरीब बच्चों के परिवारों को सरकारी नौकरियों की मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं.

Jai Hind Shiksha Sansthan (Photo: Facebook)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 22 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

बिहार के आनंद कुमार के Super 30 से प्रेरित होकर मध्य प्रदेश के एक सब-इंस्पेक्टर ने भी अनोखी पहल की है जो राज्य के बहुत से युवाओं के जीवन में बदलाव ला रही है. साल 2011 में, मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय में एक सब-इंस्पेक्टर (हस्तलेखन विशेषज्ञ) प्रदीप मिश्रा ने न केवल अमिताभ बच्चन के कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) सीजन 5 की हॉट सीट पर जगह बनाई, बल्कि 25 लाख रुपये भी जीते.

इस पैसे का उपयोग मिश्रा ने निचले स्तर के पुलिस परिवारों के साथ-साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को मुफ्त कोचिंग देने के लिए किया. वह इन बच्चों को सरकारी भर्ती परीक्षाओं के लिए कोचिंग देते हैं. इस काम में उनके पिता महेश चंद्र मिश्रा ने भी मदद की. उनके पिता कृषि विभाग के सर्वेक्षक पद से सेवानिवृत्त हैं.  

शुरू किया जय हिंद शिक्षा संस्थान
2014 में प्रदीप मिश्रा ने अपने पिता की मदद से जय हिंद शिक्षा संस्थान (JHSS) शुरू किया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना के मार्गदर्शक नारे 'जय हिंद' से प्रेरित, कोचिंग सेंटर बेहद सफल सुपर 30 कार्यक्रम की तर्ज पर काम करता है.
JHSS ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 300 से अधिक प्रतिभाशाली, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों और लड़कों (निचले स्तर के पुलिस परिवारों के लोगों सहित) को विभिन्न राज्य और केंद्र सरकार की भर्ती परीक्षाओं को सफलतापूर्वक पास करने में मार्गदर्शन किया है.

वर्तमान में राज्य पीएचक्यू में पुलिस उपाधीक्षक के रूप में तैनात 49 वर्षीय मिश्रा के मुताबिक, 300 से ज्यादा बच्चों का सरकारी नौकरियों में सेलेक्शन हो चुका है. जिनमें 150-200 राज्य पुलिस कांस्टेबल, 39 एमपी पुलिस उप-निरीक्षक चयन, 11 जेल गार्ड चयन, 22 पटवारी चयन, 12 वन रक्षक, आठ रेलवे ग्रुप-डी चयन और एक केंद्रीय पुलिस संगठन के कांस्टेबल और सब इंस्पेक्टर परीक्षण में आठ चयन शामिल हैं. 

सालों से दे रहे हैं मुफ्त शिक्षा 
मूल रूप से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के भिंड जिले के रहने वाले मिश्रा 1999 में राज्य पीएचक्यू में क्यूडी अनुभाग में उप-निरीक्षक के रूप में एमपी पुलिस में शामिल हुए. सर्विस के कुछ साल बाद से ही उन्होंने वायरलेस कॉलोनी में निचले स्तर के पुलिस परिवारों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देना शुरू किया. उन्होंने 2008-09 में मुफ्त कक्षाएं देना शुरू किया और 2012 तक, उनमें से एक छात्र ने राज्य पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा पास कर ली. 

इससे उन्हें पुलिस कांस्टेबल और सब इंस्पेक्टर परीक्षाओं जैसी राज्य सरकार की भर्ती परीक्षाओं की तैयारी में गरीब बच्चों की मदद करने की प्रेरणा मिली. कुछ साल बाद, उन्होंने सरकारी भर्ती परीक्षा के इच्छुक लड़कों और लड़कियों को पढ़ाने के लिए भोपाल के जवाहर चौक इलाके में एक छोटा हॉल किराए पर लिया. साल 2011 में उन्हें KBC में जाने का मौका मिला और उन्होंने 5 लाख रुपए जीते. जिससे उन्होंने बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर शुरू किया. 

बच्चों के लिए सभी सुविधाएं 
इस कोचिंग सेंटर में 70 लड़कियों और लड़कों के लिए छात्रावास, एक मिनी जिम, पुस्तकालय और कैंटीन के अलावा कार्यालय भी है. पटना के सुपर 30 कार्यक्रम की तर्ज पर काम करते हुए, मिश्रा और टीम अब पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षाओं के लिए सुपर -50 और एमपी लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए सुपर -30 चलाते हैं.

यह पहल निशुल्क है लेकिन उनके यहां कुछ छात्र ऐसे हैं जो पूरी फीस (छात्रावास के साथ-साथ ट्यूशन) का भुगतान कर सकते हैं. इससे उन्हें ऐसे छात्रों को फंड करने में मदद मिलती है जो गरीब परिवारों से आते हैं. उन्हें राज्य पुलिस बल के कई वरिष्ठ अधिकारियों का भी सपोर्ट मिल रहा है. 

 

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