यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने वालों को इसबार नहीं देना होगा एग्जाम, सीधे मिलेगी MBBS की डिग्री     

KROK एक तरह का लाइसेंसिंग एग्जाम है, जो डॉक्टर या फार्मासिस्ट बनने के लिए क्वालीफाई करना पड़ता है. जो छात्र मेडिसिन, डेंटिस्ट्री और फार्मेसी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें दो अलग-अलग एग्जाम पास करने होते हैं- "KROK-1" और "KROK-2".  

MBBS EXAM
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST
  • अगले साल तक KROK-1 को रद्द कर दिया गया है
  • बिना एग्जाम दिए मिलेगी डिग्री 

रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र काफी परेशान हैं. जंग कब खत्म होगी और भारतीय छात्र वापिस लौटकर अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर पाएंगे ये कोई नहीं जनता है. लेकिन उन सभी छात्रों के लिए खुशखबरी है. यूक्रेन सरकार फाइनल ईयर के छात्रों को बिना परीक्षा के डिग्री देने वाली है. ये फैसला युद्ध और यूक्रेन के हालातों को देखकर लिया गया है.

बिना एग्जाम दिए मिलेगी डिग्री 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने लाइसेंसिंग एग्जाम को रद्द करने का फैसला लिया है, जिसकी वजह से अब बिना इस एग्जाम को दिए ही छात्रों को एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री मिल जाएगी. बता दें, यूक्रेन में मेडिकल और फार्मेसी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को एक लाइसेंसिंग एग्जाम पास करना होता है. इसका नाम है KROK. 

क्या है KROK? 

KROK एक तरह का लाइसेंसिंग एग्जाम है, जो डॉक्टर या फार्मासिस्ट बनने के लिए क्वालीफाई करना पड़ता है. जो छात्र "मेडिसिन", "डेंटिस्ट्री" और "फार्मेसी" स्पेशलिटी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें दो अलग-अलग एग्जाम पास करने होते हैं- "KROK-1" और "KROK-2".  मेडिकल के छात्रों को तीसरे साल में KROK-1 एग्जाम पास करना होता है. जबकि आखिरी यानी चौथे साल में उन्हें KROK-2 पास करना होता है. इसके बाद ही उन्हें फाइनल डिग्री दी जाती है.

यूक्रेन की सरकारी वेबसाइट के अनुसार, अगले साल तक KROK-1 को रद्द कर दिया गया है. इसके अलावा KROK-2 को इस साल के लिए कैंसिल किया गया है. 


 
 

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