MP Madarsa: मध्यप्रदेश में मदरसों को लेकर बड़ा फैसला! गैर मुस्लिमों को धार्मिक शिक्षा देने पर होगी मान्यता रद्द

गैर-मुस्लिमों के साथ-साथ अगर मुस्लिम बच्चों के भी नाम फर्जी तरीके से दर्ज हैं या किसी भी धर्म के बच्चे को बिना अभिभावकों की अनुमति के दिनी तालीम दी जा रही होगी तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 

MP Madarsa
gnttv.com
  • भोपाल ,
  • 17 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 10:33 AM IST

मध्यप्रदेश में मदरसों को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए मदरसों में पढ़ रहे छात्रों के भौतिक सत्यापन का आदेश जारी किया है. इस दौरान अगर वहां फर्जी तरीके से गैर-मुस्लिम या मुस्लिम बच्चों के नाम पाए जाते हैं या बच्चों को उनके अभिभावकों की अनुमति के बिना धार्मिक शिक्षा दी जा रही होगी तो ऐसे मदरसों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी.

आदेश हुआ जारी 
शुक्रवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी करते हुए लिखा, “उपरोक्त विषयान्तर्गत संदर्भित पत्र के माध्यम से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली द्वारा संज्ञान में लाया गया है कि प्रदेश के मदरसों में शासकीय अनुदान प्राप्त किए जाने के उद्देश्य से अनेक गैर मुस्लिम बच्चों के नाम फर्जी रूप से छात्र/छात्राओं के रूप में दर्ज हैं." इसका शीघ्र सत्यापन कराये जाने की आवश्यकता की दृष्टिगत निम्नानुसार कार्यवाही अपेक्षित है-

-ऐसे मदरसें जो मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, का भौतिक सत्यापन कराया जाए कि ऐसे मदरसों में शासन से अनुदान प्राप्त करने के लिए फर्जी रूप से गैर-मुस्लिम अथवा मुस्लिम बच्चों के नाम दर्ज तो नहीं है, अगर ऐसे मदरसों में फर्जी रूप से बच्चों के नाम दर्ज पाए जाते हैं तो अनुदान बंद करने, मान्यता समाप्त करने एवं उपयुक्त दाण्डिक प्रावधानों के तहत दिधि अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.

-भारतीय संविधान के अनुच्छेद - 28 (3) के अनुसार "राज्य से मान्यता प्राप्त या राज्य निधि से सहायता प्राप्त करने वाली किसी शैक्षिणिक संस्था में उपस्थित होने वाले किसी व्यक्ति को ऐसी संस्था में दी जाने वाली किसी धार्मिक शिक्षा में भाग लेने के लिए या ऐसी संस्था में या उससे संलग्न स्थान में की जाने वाली धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के लिए तब तक बाध्य नहीं किया जायेगा जब तक कि उस व्यक्ति ने या अगर ऐसा व्यक्ति अवयस्क है तो उसके सरंक्षक ने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दे दी है.

-अगर शासन द्वारा मान्यता प्राप्त या राज्य निधि से सहायता प्राप्त मदरसों में पढ़ रहे बच्चों को उनकी (अगर वह अव्यस्क हैं तो उनके अभिभावकों) की स्पष्ट सहमति के बिना उनके धर्म की शिक्षा के विपरीत तालीम दी जा रही है या किसी प्रकार की धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, तो ऐसे मदरसों के सभी शासकीय अनुदान बंद करते हुए उनकी मान्यता समाप्त करने की विधिवत कार्यवाही और वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए.

कड़ी कार्रवाई होगी 
इसे लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट जल्द देने के लिए निर्देश दिए हैं. गैर-मुस्लिमों के साथ-साथ अगर मुस्लिम बच्चों के भी नाम फर्जी तरीके से दर्ज हैं या किसी भी धर्म के बच्चे को बिना अभिभावकों की अनुमति के दिनी तालीम दी जा रही होगी तो कड़ी कार्रवाई करेंगे. 

(रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट)

 

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