NCERT: छात्रों का सिलेबस तैयार करेगी 19 दिग्गजों की टीम, एनसीईआरटी ने सुधा मूर्ति, शंकर महादेवन से लेकर देबरॉय-सान्याल तक सौंपी जिम्मेदारी

एनसीईआरटी का सिलेबस तैयार करने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति (NCTC) नामक एक स्वायत्त संस्था बनाई गई है. इस संस्था के तहत 19 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. यह समिति कक्षा 3 से लेकर 12वीं तक की किताबों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देगी.

शंकर महादेवन और सुधा मूर्ति (फाइल फोटो)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 12:53 PM IST
  • NIEPA के चांसलर महेश चंद्र पंत समिति के बने अध्यक्ष
  • एनएसटीसी आवश्यकता पड़ने पर सलाह और परामर्श भी ले सकेगी

एनसीईआरटी (NCERT) ने स्कूल का सिलेबस तैयार करने के लिए मशहूर सिंगर शंकर महादेवन, इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय समेत 19 नामचीन हस्तियों की एक समिति का गठन किया है. NIEPA के चांसलर महेश चंद्र पंत को इस समिति की अध्यक्षता सौंपी गई है.

कक्षा 3 से 12वीं तक के छात्रों का सिलेबस तैयार करेगी टीम
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें कहा गया है कि एनसीईआरटी का सिलेबस तैयार करने के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण शिक्षण सामग्री समिति (NCTC), नामक एक स्वायत्त संस्था बनाई गई है. इस संस्था के तहत 19 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. यह समिति कक्षा 3 से लेकर 12वीं तक की किताबों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देगी.

समिति में कई बड़े नामों को किया गया है शामिल
इस समिति में कई बड़े नामों को शामिल किया गया है. जहां एक ओर राष्ट्रीय शैक्षिक योजना और प्रशासन संस्थान के चांसलर महेश चंद्र पंत एनसीटीसी के अध्यक्ष होंगे, वहीं प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मंजुल भार्गव को सह-अध्यक्ष बनाया गया है. प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय व सदस्य संजीव सान्याल व संस्कृत भारती के सह-संस्थापक और भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चमू कृष्ण शास्त्री और सीएसआईआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे को भी इस समिति में शामिल किया गया है.

इनको भी दी गई है जिम्मेदारी
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय की प्रोफेसर पद्म श्री सुजाता रामादोराई, बेंगलुरु के प्रकाश पदुकोण बैडमिंटन अकादमी के डायरेक्टर यू. विमल कुमार, आईआईटी गांधी नगर के विजिटिंग प्रोफेसर माइकल डैनिनो, हरियाणा कैडर की रिटायर्ड आईएस और हरियाणा लोकप्रशासन संस्थान की पूर्व महानिदेशक व पूर्व मुख्य शिक्षा सचिव सुरीना राजन भी इस समिति की सदस्य होंगीं. साथ ही नीति अध्ययन केंद्र चेन्नई के अध्यक्ष डॉ. एमडी श्रीनिवास, NSTC के कार्यक्रम कार्यालय प्रमुख गजानन लोंढे, एससीईआरटी सिक्किम के डायरेक्टर राबिन छेत्री, एनसीईआरटी प्रोफेसर प्रत्यूषा कुमार मंडल, NCERT के प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर कीर्ति कपूर और प्रोफेसर रंजना अरोड़ा भी समिति में शामिल हैं.

अधिसूचना में क्या कहा गया है
एनसीईआरटी की अधिसूचना में कहा गया है कि पाठ्यपुस्तकें नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के तहत पाठ्यचर्या क्षेत्रों और विषयों को कवर या कॉल करेंगी,  साथ ही शिक्षक पुस्तिका जैसी सहायक सामग्री भी शामिल होंगी. एनएसटीसी आवश्यकता पड़ने पर सलाह, परामर्श और सहायता के लिए अन्य विशेषज्ञों को आमंत्रित करने के लिए स्वतंत्र होगा. एनएसटीसी को एनसीईआरटी की ओर से स्थापित कार्यक्रम कार्यालय से सहायता प्रदान की जाएगी और वह उन्हें सभी आवश्यक विशेषज्ञता और सहायता भी प्रदान करेगा. 

पैनल में प्रत्येक सदस्य की होगी अहम भूमिका 
एनसीईआरटी के अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि पैनल में प्रत्येक सदस्य की एक भूमिका होगी, जिसे सर्कुलर में विस्तार से बताया गया है कि वे नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क और एनईपी 2020 के तहत पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों के विकास के लिए किस प्रकार का समर्थन प्रदान करेंगे. प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में एक स्थापित व्यक्ति हैं. अगले एक साल के अंदर इन पाठ्यपुस्तकों को लाने के लिए समयबद्ध तरीके से काम करने का प्रयास किया जाएगा.

कौन हैं सुधा मूर्ति
सुधा मूर्ति इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी हैं. टाटा की पहली महिला इंजीनियर सुधा मूर्ति जानी-मानी लेखिका और समाजसेवी हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं. अपनी बेबाकी के लिए वो चर्चा में रहती हैं. उनके मोटिवेशनल स्पीच लोगों को खूब पसंद आते हैं. उनके कामों को देखते हुए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. सुधा मूर्ति यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास हैं.

शंकर महादेवन के बारे में जानिए
बॉलीवुड की कई फिल्मों को अपने सुरीले सुरों से सजाने वाले शंकर महादेवन अपने गानों और म्यूजिक के लिए चर्चा में बने रहते हैं. शंकर महादेवन की फैन फॉलोइंग देश ही नहीं विदेश तक में फैली है. शंकर महादेवन को संगीत और कला में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए बर्मिंघम सिटी यूनिवर्सिटी (बीसीयू) से डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिल चुकी है. उन्हें देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्मश्री मिल चुका है. शंकर महादेवन को 'मां तुझे सलाम', 'आज कल जिंदगी', 'उफ्फ तेरी अदा', 'तेरे नैना' और 'कोई कहे कहता रहे' जैसे हिट गानों के लिए जाना जाता है.

 

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