विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कॉलेजों, उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) में एक सुरक्षित, और लैंगिक समानता वाले वातावरण के लिए नए दिशानिर्देशों का ड्राफ्ट तैयार किया है. यूजीसी के दिशानिर्देशों के अनुसार, "सभी छात्रों, विशेषकर छात्राओं को एक सुरक्षित,और हिंसा मुक्त वातावरण प्रदान करना संस्थानों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है."
यूजीसी समिति का कहना है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में चुप रहने की आदत को चुनौती देने की सख्त जरूरत है, चाहे वह परिसर के भीतर हो या बाहर. इसलिए यूजीसी ने नई गाइडलाइन जारी की है.
यूजीसी की नई गाइडलाइंस में दिए सुझाव-
- छात्रों को दाखिले के समय एक पुस्तिका देनी चाहिए जिसमें उचित आचरण के संबंध में नियमों और विनियमों के बारे में विस्तृत जानकारी हो.
- इसमें आईसीसी सदस्यों, छात्र काउंसलर्स, एंटी- रैगिंग सेल, प्रॉक्टर कार्यालय, मेडिकल इमरजेंसी, स्वास्थ्य केंद्र, कैंटीन और अन्य विश्वविद्यालय अधिकारियों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची होनी चाहिए, जिन्हें जरूरत पड़ने पर संपर्क किया जाना चाहिए.
- छात्रों की मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक चिंताओं को दूर करने के लिए परिसर में प्रोफेशनल काउंसलिंग सर्विस उपलब्ध होनी चाहिए.
- HEI को महिलाओं के लिए बुनियादी स्वच्छता और स्वच्छता सुविधाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए.
- विश्वसनीय सुरक्षा फर्मों से पर्याप्त संख्या में महिला सुरक्षा गार्डों को काम पर रखा जाना चाहिए.
- प्रत्येक कॉलेज/विश्वविद्यालय/शैक्षणिक संस्थान में एक आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) होनी चाहिए.
- छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाउंड्री वॉल प्रावधान आवश्यक हैं, खासकर जो परिसर ग्रामीण या शहर से बाहर, एकांत क्षेत्रों में स्थित हैं.
- परिसर में सभी सार्वजनिक स्थान जैसे गलियां, पुस्तकालय, गलियारे, खेल के मैदान, पार्क, खेल स्टेडियम, प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, पार्किंग स्थल सीसीटीवी की निगरानी में होने चाहिएं.
- एचईआई को महिलाओं के लिए और अधिक छात्रावास बनाना चाहिए और सभी महिला छात्रों को जिन्हें छात्रावास के कमरों की आवश्यकता है, उन्हें यह सुविधा दी जानी चाहिए.
- यूजीसी ने 14 नवंबर तक महिला सुरक्षा दिशानिर्देशों के ड्राफ्ट पर भी सुझाव मांगे हैं.