दाखिला कैंसिल करने या वापस लेने पर उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) के फीस वापस न करने के संबंध में बहुत से छात्रों और अभिभावकों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शिकायत की थी. इन शिकायतों के जवाब में, शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यूजीसी एक व्यापक शुल्क वापसी नीति (फीस रिफंड पॉलिसी) की घोषणा की है.
15 मई को यूजीसी की 580वीं बैठक के दौरान लिए गए निर्णय में कहा गया है कि HEI को 30 सितंबर तक छात्रों के सभी एडमिशन कैंसिलेशन या माइग्रेशन के लिए फीस का पूरा रिफंड देना होगा. 1,000 रुपये से ज्यादा की नाममात्र प्रोसेसिंग फीस में कटौती नहीं की जाएगी. रिफंड 31 अक्टूबर, 2024 तक प्रोसेस किया गया.
यूजीसी के एक नोटिस में बताया गया है कि किसी भी दिशानिर्देश/प्रॉस्पेक्टस/अधिसूचना/शेड्यूल में कुछ भी शामिल होने के बावजूद, 30 सितंबर 2024 तक छात्रों के दाखिले/ट्रांसफर के सभी रद्दीकरण (कैंसिलेशन) के कारण उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा फीस की पूरी वापसी की जाएगी और 31 अक्टूबर 2024 तक प्रोसेसिंग फीस के रूप में, 1,000 रुपये से ज्यादा की कटौती नहीं की जाएगी.
फीस वापिस न करना माना जाएगा उल्लंघन
यह नीति केंद्रीय या राज्य अधिनियमों के तहत स्थापित या निगमित सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 की धारा 2 (एफ) के तहत यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों पर लागू होती है. इसमें एक ही अधिनियम की धारा 3 के तहत विश्वविद्यालय माने जाने वाले संस्थानों और एक विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी उच्च शिक्षा संस्थानं को भी शामिल किया गया है.
इसके अलावा, दिशानिर्देश उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर से एडमिशन और फीस कलेक्ट करने वाले संगठनों तक विस्तारित हैं. हर एक संस्थान नए नियमों के अनुसार समय पर शुल्क रिफंड सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेह है. 31 अक्टूबर के बाद शुरू होने वाले एडमिशन प्रोग्राम के लिए, उच्च शिक्षा संस्थानों को शुल्क रिफंड पर यूजीसी की अक्टूबर 2018 की अधिसूचना का पालन करना होगा, जो दाखिले की औपचारिक रूप से अधिसूचित अंतिम तिथि के हिसाब से कितना प्रतिशत शुल्क रिफंड किया जाएगा, यह तय करता है.
यूजीसी ने इस बात पर जोर दिया कि यह पॉलिसी अपडेट होने तक बाद के शैक्षणिक सत्रों के लिए प्रभावी रहेगी, और कहा कि छात्रों की शिकायतों के निवारण विनियम, 2023 के माध्यम से छात्रों की शिकायतों को संबोधित करने के लिए निकाय प्रतिबद्ध है. निर्धारित समय सीमा से परे फीस वापसी में किसी भी देरी या इनकार को एचईआई को यूजीसी की 2018 अधिसूचना में उल्लिखित दंडात्मक कार्रवाइयों के अधीन गंभीर उल्लंघन करना माना जाएगा.