Coaching Centre Deaths: छात्रों की मौत के मामले में केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी, Supreme Court ने कहा-डेथ चैंबर बन गए हैं कोचिंग सेंटर

कोचिंग सेंटरों में मौजूद खतरों और लगातार हो रहे हादसों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. SC ने गाइडलाइन बनाने बडा आदेश दिया है. कोर्ट ने दिल्ली के कोचिंग सेंटर्स को डेथ चेंबर बताया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता कोचिंग सेंटर फेडरेशन पर एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया है.

Supreme Court order on Coaching Center Deaths (Representative Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 2:40 PM IST
  • सेफ्टी नॉर्म पूरे करने होंगे  
  • एक लाख का जुर्माना दे कोचिंग सेंटर फेडरेशन

दिल्ली के राजेंद्र नगर में UPSC के छात्रों की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा को लेकर स्वतः संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि कोचिंग सेंटर बच्चों की जिंदगी से खेल रहे हैं. कोचिंग सेंटर डेथ चैंबर बन गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी कर पूछा है कि कोचिंग सेंटरों में क्या सेफ्टी के नियम लागू किए गए हैं?

सेफ्टी नॉर्म पूरे करने होंगे  
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल को इस मामले में कोर्ट की सहायता करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि हमारा ये सोचना है कि अगर कोचिंग सेंटर सेफ्टी नॉर्म को पूरा नहीं करते हैं तो इनको ऑनलाइन मोड में कर दिया जाना चाहिए. लेकिन फिलहाल हम ये नहीं कर रहे हैं.

एक लाख का जुर्माना दे कोचिंग सेंटर फेडरेशन
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने पर सुप्रीम कोर्ट ने कोचिंग सेंटर फेडरेशन के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया. बता दें, दिल्ली हाईकोर्ट ने मुखर्जी नगर कोचिंग हादसे के बाद जिन कोचिंग सेंटर के पास फायर एनओसी नहीं है उन्हे बंद करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश को कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

मच गई है कानूनी और प्रशासनिक हलचल 
अदालत के हस्तक्षेप से कानूनी और प्रशासनिक हलचल मच गई है. दिल्ली उच्च न्यायालय, जिसने पहले लापरवाही के लिए पुलिस और नगर निगम अधिकारियों की आलोचना की थी, ने जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को ट्रांसफर कर दी है. हाई कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम (MCD) पर आपराधिक लापरवाही का आरोप लगाया और पानी भरने के दौरान बुनियादी ढांचे के संकट से निपटने के लिए तैयारियों की कमी की आलोचना की है.

बुनियादी ढांचे की विफलताएं और गिरफ्तारियां
घटना की जांच में इमारत और कोचिंग सेंटर दोनों मालिकों द्वारा कई उल्लंघनों का खुलासा हुआ है. बेसमेंट, जिसका उपयोग क्लास और पढ़ाई के उद्देश्यों के लिए किया जाता था, को आवश्यक मंजूरी नहीं मिली थी. इसके अलावा, फायर डिपार्टमेंट से सेफ्टी सर्टिफिकेट को लेकर गलत जानकारी देने के आरोप भी लगे हैं. मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

(इनपुट- संजय शर्मा)
 

 

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