सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कोडिंग को कोर्स में क्लास 6 से ही शामिल करने का फैसला किया है. दरअसल, नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों में स्किल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शामिल किया गया है
कोडिंग और एआई पढ़ेंगे बच्चे
इस पॉलिसी के तहत, छात्रों को कोडिंग जैसे विषय अब और पहले की कक्षाओं में पढ़ाए जाएंगे. CBSE की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक कक्षा 6 से 8 में ही कोडिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में पढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही, बोर्ड ने डेटा साइंस को कक्षा 8 के कोर्स में शामिल करने का फैसला किया है.
CBSE ने बनाई 33 सब्जेक्ट्स की लिस्ट
CBSE ने 33 सब्जेक्ट्स की लिस्ट बनाई है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कोडिंग, डेटा साइंस, फाइनेंशियल लिटरेसी, कश्मीरी एंब्रॉयडरी, एप्लीकेशन ऑफ सैटेलाइट्स और कोविड-19 जैसे विषय शामिल हैं. ये सभी कोर्स मॉड्यूल्स 12 से 15 घंटे की अवधि के बनाए गए हैं. बोर्ड की तरफ से स्कूलों को कहा गया है कि इन विषयों की 70 फीसदी पढ़ाई प्रैक्टिकल लर्निंग होगी जबकि 30 फीसदी हिस्सा थ्योरी का होगा.
माइक्रोसॉफ्ट तैयार करेगी कोडिंग का सिलेबस
दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट कोडिंग का सिलेबस तैयार करेगी. देश के शिक्षा मंत्रालय ने 2020 में न्यू एजुकेशन पॉलिसी बनाई थी, जिसमें स्कूल लेवल की शिक्षा के साथ ही हायर एजुकेशन में भी कई सुधार शामिल किए गए थे.
पॉलिसी ने इस बात को पहचाना कि मैथमेटिक्स और मैथमैटिकल थिंकिंग भारत के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसके जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस जैसे उभरते क्षेत्रों में भारत नेतृत्व की भूमिका निभाएगा.