अब बच्चों को पढ़ाएगा Robotic Teacher 'आयरिस', सोनीपत के स्वर्णप्रस्थ स्कूल में शुरू हुई अनोखी पहल

स्कूल प्रबंधन ने लाखों रुपये की लागत से इस आधुनिक रोबोटिक टीचर को छात्रों की शिक्षा के लिए प्रस्तुत किया है. 'आयरिस' नामक यह AI टीचर विशेष रूप से अंग्रेज़ी भाषा में पढ़ाने के लिए तैयार किया गया है. रोबोट बच्चों के सवालों के जवाब देता है,

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gnttv.com
  • सोनीपत ,
  • 21 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 2:05 PM IST
  • अब बच्चों को पढ़ाएगा रोबोट
  • स्कूल में शुरू हुई अनोखी पहल

तकनीक के दौर में शिक्षा जगत में भी बदलाव की बयार चल रही है और इसी दिशा में हरियाणा के सोनीपत स्थित स्वर्णप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल ने एक नई मिसाल पेश की है. यहां अब बच्चों को इंसानी टीचर्स के साथ-साथ एक AI बेस्ड रोबोटिक टीचर 'आयरिस' भी पढ़ाएगा. यह सोनीपत का पहला स्कूल है जिसने इतनी एडवांस तकनीक को शिक्षा प्रणाली में शामिल किया है.

रोबोट टीचर 'आयरिस' का स्वागत
स्कूल प्रबंधन ने लाखों रुपये की लागत से इस आधुनिक रोबोटिक टीचर को छात्रों की शिक्षा के लिए प्रस्तुत किया है. 'आयरिस' नामक यह AI टीचर विशेष रूप से अंग्रेज़ी भाषा में पढ़ाने के लिए तैयार किया गया है. रोबोट बच्चों के सवालों के जवाब देता है, विषय से जुड़ी जानकारियां देता है और पूरी क्लास को टेक्नोलॉजी के साथ जोड़े रखता है.

विद्यालय के वाइस प्रिंसिपल एस. पी. सिंह ने बताया कि, "यह पहल डिजिटल इंडिया की सोच को आगे बढ़ाती है. बच्चों को तकनीक के साथ जोड़ना और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना ही हमारा लक्ष्य है."

बच्चों और शिक्षकों का अनुभव
छात्रा तनवी बगार का कहना है, "आयरिस सर से पढ़ना एक नया और रोचक अनुभव है. ये हमारे हर सवाल का जवाब देता है. हालांकि यह इंसान की बराबरी नहीं कर सकता, लेकिन पढ़ाई का तरीका दिलचस्प बना दिया है."

शिक्षिका नीतू ने कहा, "यह तकनीक बच्चों की सोच को और तेज बनाएगी, लेकिन यह भी जरूरी है कि इसका सकारात्मक उपयोग ही किया जाए."

डिजिटल शिक्षा की ओर एक बड़ा कदम
स्कूल में 'आयरिस' को लॉन्च करते हुए विजुअल्स में देखा जा सकता है कि किस तरह रोबोट बच्चों के सवालों का उत्तर देता है, इंग्लिश लैसन समझाता है और क्लासरूम में एक्टिवली भाग लेता है. बच्चों में इस नई पहल को लेकर काफी उत्साह है.

इस पहल से न केवल स्कूल बल्कि पूरा क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर बढ़ रहा है. यह दिखाता है कि भविष्य में तकनीक और शिक्षा का समन्वय किस तरह छात्रों को बेहतर अवसर दे सकता है.

(रिपोर्ट: पवन राठी)

 

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