UP Police Radio Operator Bharti: यूपी पुलिस की हेड रेडियो ऑपरेटर भर्ती परीक्षा का इंतजार करने वाले अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है. यह रद्द परीक्षा जल्द नए सिरे से ली जाएगी. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इस आदेश के अनुसार पुराने अभ्यर्थियों को भी परीक्षा देने का मौका मिलेगा. इनके लिए उम्र सीमा कोई बाधा नहीं बनेगी.
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने ऑर्डर में साफ लिखा है कि हेड रेडियो ऑपरेटर की रद्द हुई भर्ती परीक्षा के लिए भर्ती बोर्ड नई विज्ञप्ति जारी कर भर्ती करे. बोर्ड शैक्षिक योग्यता को स्पष्ट बताए. इसके साथ ही रद्द भर्ती में योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को इस नई भर्ती में शामिल करते हुए उम्र की बाध्यता को दरकिनार किया जाए. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का यह लिखित और विस्तृत ऑर्डर जारी हो गया है. भर्ती बोर्ड के तक यह आर्डर पहुंच चुका है.
रद्द कर दी थी परीक्षा
30 और 31 जनवरी 2024 को हेड रेडियो ऑपरेटर के 936 पदों पर प्रदेश भर में लगभग 40,000 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. इसी बीच पेपर लीक होने का आरोप लगा. 8 जनवरी 2025 को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस आलोक माथुर की सिंगल बेंच ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से आयोजित इस परीक्षा को रद्द कर दी थी.
भर्ती बोर्ड के पूर्व अफसरों का यह आदेश था गड़बड़
उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से 6 जनवरी 2022 को एक विज्ञापन आया था. इसमें हेड रेडियो ऑपरेटर की नौकरी के 936 पदों के लिए आवेदन मांगे गए.शैक्षणिक योग्यता 3 वर्षीय डिप्लोमा या समकक्ष रखी गई थी. पुलिस में हेड रेडियो ऑपरेटर की पोस्ट आई तो बीटेक डिग्री धारकों ने भर्ती बोर्ड से पूछा कि क्या बीटेक की डिग्री वाले भी फॉर्म भर सकते हैं? बोर्ड ने 25 अगस्त 2021 के पुराने आदेश का हवाला देते हुए कह दिया कि 3 वर्षीय डिप्लोमा या समकक्ष के शैक्षणिक योग्यता के मानक में 4 साल के डिग्री धारक यानी बीटेक वाले भी फॉर्म भर सकते हैं.
अभ्यर्थियों ने आरटीआई के जरिए ई-मेल भेजकर जानकारी मांगी और भर्ती बोर्ड ने भी जवाब दे दिया बीटेक वाले भी फॉर्म भर दें. बीटेक डिग्री वालों ने फॉर्म भर दिए और दो साल बाद 30 और 31 जनवरी 2024 को ऑनलाइन परीक्षा ली गई. इसमें 75 फीसदी अभ्यर्थी बीटेक डिग्री वाले शामिल हुए थे. डिप्लोमा पास के सामने बीटेक डिग्री वाले आ गए तो मेरिट ज्यादा जाने और शैक्षणिक योग्यता में बदलाव की शिकायत पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई. इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया और भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाकर राजीव कृष्ण बोर्ड के नए अध्यक्ष बनाए गए. नियमों की फाइलें पलटी गई तो पता चला तीन वर्षीय डिप्लोमा या समकक्ष में कौन सी डिग्री होगी, इसका निर्धारण भर्ती बोर्ड नहीं बल्कि शासन को करना है.
लगाए आरोप
6 फरवरी 2024 को बोर्ड ने परीक्षा की आंसर की जारी कर दी लेकिन अप्रैल 2024 को बोर्ड ने कह दिया इस परीक्षा में 4 वर्षीय डिग्री धारक यानी बीटेक मान्य नहीं होंगे. बोर्ड के आदेश के बाद बीटेक पास अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका डाल दी और गुहार लगाई कि जैसे खेल शुरू होने के बाद खेल के नियम नहीं बदले जा सकते, वैसे ही भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियम नहीं बदले जा सकते. उनका आरोप था कि भर्ती बोर्ड ने पहले बीटेक पास वालों को इस परीक्षा के लिए योग्य बताया और अब अयोग्य करार दे रहा है.
बोर्ड ने अपने अधिकार का किया गलत इस्तेमाल
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया है. इस फैसले में कोर्ट ने साफ कहा कि इस परीक्षा में 75 फीसदी डिग्री धारकों ने हिस्सा लिया. बोर्ड को समकक्ष के निर्धारण का अधिकार नहीं है. बोर्ड ने अपने अधिकार का गलत इस्तेमाल किया. 21 अगस्त 2021 का भर्ती बोर्ड का आदेश गलत था. 3 वर्षीय डिप्लोमा को कभी डिग्री के बराबर नहीं माना जा सकता.
भर्ती बोर्ड अब नई विज्ञप्ति जारी करे, जिसमें शैक्षणिक योग्यता का स्पष्ट निर्धारण कर बताया जाए की कौन इसमें फॉर्म भर सकेगा और कौन नहीं. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा है इस भर्ती में ढाई साल से अधिक का वक्त लग गया है, ऐसे में जो योग्यता रखते हैं और भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए हैं, उनको बोर्ड मानवता के आधार पर मौका दे. उम्र को दरकिनार किया जाए. फिलहाल, इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा. छात्रों के हितों का पूरी तरह से ध्यान रखते हुए जल्द से जल्द नई भर्ती शुरू की जाएगी.