One Nation One Subscription: अब स्टूडेंट फ्री में पढ़ सकेंगे 13,000 रिसर्च पेपर, जानिए कैसे काम करेगी सरकार की यह योजना

केंद्र सरकार ने इस योजना को मंजूरी देते हुए 6,000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है. योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि सरकारी यूनिवर्सिटीज़, कॉलेजों और शोध संस्थानों के सभी विद्यार्थी/मेंबर अच्छी क्वालिटी वाले रिसर्च पेपर्स और जर्नल्स का लाभ उठा सकें. 

Representational Image (Unsplash/Scott Graham)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST
  • अगले तीन सालों के लिए बजट हुआ आवंटित
  • डिजिटली लागू होगी योजना

आज के डिजिटल युग में किसी भी विषय की प्राथमिक जानकारी निकालने के लिए रिसर्च पेपर्स बेहद अहम हैं. अगर आप अकैडीमिया में हैं तो इनके बिना आपका काम ही नहीं चल सकता. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ऐसी योजना लेकर आ रही है जिनसे अब देश के हर स्टूडेंट, टीचर और रिसर्चर को अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल और मैगज़ीन तक आसानी से पहुंच मिलेगी. 

इस योजना का नाम है " वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन " (One Nation One Subscription). योजना के तहत भारत के 1.8 करोड़ से ज्यादा छात्र, शिक्षक और रिसर्च अब दुनिया भर के 13,000 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय ई-जर्नल्स का उपयोग कर सकेंगे. यह कदम भारतीय शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है. 

क्यों लाई जा रही है यह योजना?
केंद्र सरकार ने इस योजना को मंजूरी देते हुए 6,000 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है. यह योजना अगले तीन सालों तक लागू होगी. योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत 2047' और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.

इसके जरिए, सरकार और केंद्रीय अनुसंधान और विकास संस्थान के विद्यार्थी, शिक्षक और शोधकर्ता (Researchers) 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पब्लिशर्स की करीब 13,000 ई-जर्नल्स फ्री में पढ़ सकेंगे. योजना का प्रमुख उद्देश्य है कि सरकारी यूनिवर्सिटीज़, कॉलेजों और शोध संस्थानों के सभी विद्यार्थी/मेंबर अच्छी क्वालिटी वाले रिसर्च पेपर्स और जर्नल्स का लाभ उठा सकें. 

योजना से होंगे ये फायदे
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन में कुल 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय जर्नल पब्लिशर शामिल किए गए हैं. अब 6,300 से ज्यादा सरकारी उच्च शिक्षा और  केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों की इन तक पहुंच होगी. यह योजना एक सरल, उपयोगकर्ता-अनुकूल और पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से संचालित की जाएगी. 

इस योजना का लाभ सभी सरकारी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को मिलेगा. चाहे उनका संचालन केंद्र सरकार करे या राज्य सरकार. यह सुविधा एक केंद्रीय एजेंसी यानी सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) के माध्यम से दी जाएगी. सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) देश भर के संस्थानों को जोड़कर यह सब्सक्रिप्शन देगा. 

कैसे काम करेगी योजना?
इस योजना को पूरी तरह से डिजिटल रूप में लागू किया जाएगा. उच्च शिक्षा विभाग (Department of Higher Education) के पास "वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन" नाम का एक युनिफ़ाइड पोर्टल होगा जिसके माध्यम से स्टूडेंट जर्नल्स तक आसानी से पहुंच सकेंगे. योजना के तहत सभी सरकारी विश्वविद्यालयों और संस्थानों के स्टूडेंट एक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल के माध्यम से जर्नल्स तक पहुंच सकेंगे.

यहां वे बिना किसी समस्या के रिसर्च सामग्री का उपयोग कर सकेंगे. इसके अलावा राज्य सरकारें भी इस योजना का प्रचार करेंगी और सुनिश्चित करेंगी कि ज्यादा से ज्यादा छात्र और शिक्षक इस सुविधा का लाभ उठाएं. इस योजना से भारतीय रिसर्च में सुधार होगा. जिससे भारतीय शोधकर्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध जर्नल्स से जुड़ सकेंगे और अपने रिसर्च को ग्लोबल लेवल पर प्रेजेंट कर सकेंगे.
 

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