Success Story: न दिल्ली गए न कोटा... गांव में ही रहकर 7 से 8 घंटे की पढ़ाई, IIT Main में लहराया परचम, कुछ ऐसी है प्रथम राज की सफलता की कहानी

IIT Main की परीक्षा पास करने वाले प्रथम राज ने कहा कि यदि पढ़ाई का बेस मजबूत है तो कोटा, पटना, दिल्ली जाकर दो से तीन लाख रुपए कोचिंग क्लास पर खर्च करने की जरूरत नहीं है. गांव में रहकर और रोज 7-8 घंटे पढ़ाई करके आईआईटी की परीक्षा पास की जा सकती है. 

प्रथम राज अपने परिजनों के साथ.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST
  • प्रथम ने IIT Main की परीक्षा में 98% मार्क्स लाकर नाम किया है रौशन
  • कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर आईएएस बनना चाहते हैं 

 कहते हैं न अगर पूरी शिद्दत से किसी चीज को करने की ठानों तो सारी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है और सफलता हाथ लगती है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है सीवान जिले स्थित जुड़कन गांव के होनहार छात्र प्रथम राज ने. जी हां, प्रथम ने गांव से पढ़ाई कर  IIT Main की परीक्षा में न सिर्फ सफलता पाई है बल्कि 98% मार्क्स लाकर जिले में सबसे अधिक अंक लाने वाले बने हैं. आइए जानते हैं प्रथम राज की सफलता की कहानी.

बचपन से मेधावी
आज के समय में जहां स्टूडेंट्स दिल्ली, पटना, कोटा आदि जगहों पर जाकर कोचिंग के नाम पर लाखों रुपए खर्च करते हैं. इसके बावजूद सफलता नहीं मिलती है. वहीं प्रथम राज ने गांव में रहकर नियमित 7 से 8 घंटे पढ़ाई करके आईआईटी की परीक्षा में एक बार नहीं बल्कि दो बार सफलता पाई है. सीवान कोर्ट में वकील और जिला अधिवक्ता संघ के उपाध्यक्ष पंकज सिंह और सरकारी स्कूल टीचर रेणुका सिंह के बड़े बेटे प्रथम राज बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं.

12वीं की परीक्षा में किया था जिला टॉप
प्रथम राज ने सीवान के DAV स्कूल से पढ़ाई कर 12वीं की परीक्षा में भी जिला टॉप कर प्रदेश का नाम रौशन किया था. 12वीं परीक्षा के दौरान ही IIT की तैयारी करने वाले प्रथम राज ने अपनी मेहनत और लगन से बीते 2022 में भी IIT Main के  साथ ही IIT एडवांस की परीक्षा पास कर सीवान जिले का नाम रौशन किया था,  लेकिन आईआईटी में कंप्यूटर इंजीनियरिंग नहीं मिलने और खुद पर भरोसा होने के चलते मां-पिता और परिवार के भारी दबाव के बावजूद आईआईटी में दाखिला नहीं लिया. 

हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती...
प्रथम राज ने अपनी सफलता को लेकर कहा कि हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती, लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती. यदि आपको अपनी मेहनत और लगन पर भरोसा है और पढ़ाई का बेस मजबूत है तो कोटा,  पटना,  दिल्ली जाकर दो से तीन लाख रुपए कोचिंग क्लास पर खर्च करने की जरूरत नहीं है. गांव में रहकर और 7-8 घंटे की पढ़ाई करके आईआईटी की कठिन परीक्षा को यूट्यूब से पढ़कर भी पास किया जा सकता है. बस जरूरत होती है कि आप रेगुलर पढ़ाई करें और ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों को हल करते रहें. क्योंकि आईआईटी के लिए सिर्फ दो बार ही चांस मिलता है. आईआईटी की परीक्षा के लिए आपको 15 से 18 लाख लोगों को चुनौती देनी होती है.

आईएएस बनकर देश की करूंगा सेवा
प्रथम राज ने बताया कि अब मेरा लक्ष्य 4 जून को होने जा रही आईआईटी एडवांस की परीक्षा पास करके दिल्ली, कानपुर या वाराणसी में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करना है. फिर आईएएस बनकर अपने पिता जी के नानाजी मास्टर दीना नाथ सिंह और सीवान जिले का नाम रौशन करना है. मुझे देश से बाहर विदेश जाकर नहीं, बल्कि अपने देश में ही रहकर काम करना है.


 

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