Best School Award: गांववालों के साथ मिलकर शिक्षकों ने बदली सरकारी स्कूल की तस्वीर, सरकार ने दिया उत्तम स्कूल पुरस्कार

पंजाब में फरीदकोट जिले के गांव सुक्खणवाला के सरकारी स्कूल को उत्तम स्कूल पुरस्कार से नवाजा गया है. यह स्कूल पूरे राज्य के स्कूलों के लिए बदलाव की मिसाल बना है.

Govt. Primary School
gnttv.com
  • फरीदकोट ,
  • 11 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 8:07 AM IST
  • स्कूल की सफाई पर विशेष ध्यान 
  • मॉडर्न और डिजिटल तरीकों से पढ़ाई

पंजाब में भी अब पढ़ने और पढ़ाने का तरीका बदल रहा है. अब पंजाब के सरकारी स्कूल किसी प्राइवेट स्कूल से कम नही हैं. स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ स्वच्छ वातावरण का भी ख्याल रखा जा रहा है. पंजाब सरकार ने हाल ही में उत्तम स्कूल पुरस्कारों की घोषणा की, जिसमें फरीदकोट जिले के गांव सुक्खणवाला के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल को उत्तम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

स्कूल में पिछले कुछ समय के दैरान हुई कई तब्दीलियों व सुधार, बेहतर साफ-सफाई और बेहतर शिक्षा के चलते यह पुरस्कार दिया स्कूल को दिया गया है. स्कूल में यह सुधार स्कूल के हेड टीचर गुरदविंदर सिंह के अथक प्रयासों और गांववासियों व एनआरआई लोगों के सहयोग से संभव हो पाया है. यही कारण है कि स्कूल के लिए सरकार ने जो ग्रांट दी थी, उससे कई गुना ज्यादा पैसे खर्च कर इस स्कूल की तस्वीर को स्कूल के टीचर्स और गांववालों ने बदल दिया है. 

स्कूल की सफाई पर विशेष ध्यान 
स्कूल में सफाई का काम सिर्फ सफाई कर्मचारी नहीं बल्कि पूरा स्कूल स्टाफ मिल कर ध्यान देता है. स्कूल इंचार्ज, अध्यापक व विद्यार्थी सभी मिल कर इस बात का पूरा ध्यान रखते है कि किसी की वजह से कही गंदगी न. फैले. छोटे बच्चे पैंसिल के छिलके तक फ़र्श पर नही फेंकते हैं. हर कलास रूम के बाहर एक डस्टबिन रखा गया है. 

साथ ही, स्कूल में पार्क के साथ-साथ किचन गार्डन भी लगाया गया है. जिसमें मौसम के अनुसार सब्जियों को उगा कर उनका प्रयोग मिड-डे मील में किया जाता है. स्कूल के हेड टीचर गुरदविंदर सिंह ने बताया कि स्कूल को इस स्तर पर पहुंचाने में गांव की पंचायत, गांववासियों और कुछ एनआरआई लोगों का सहयोग रहा है. 

मॉडर्न और डिजिटल तरीकों से पढ़ाई
स्कूल की गतिविधियों में विद्यार्थियों की भागीदारी ज्यादा से ज्यादा रखी जाती है. पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें अन्य गतिविधियों में भी भाग दिलाया जा रहा है. स्कूल में बच्चों को मॉडर्न तरीके से डिजिटल और प्रोजेक्ट बोर्ड पर पढ़ाई करवाई जाती है. 160 के करीब बच्चों को 6 टीचर पढ़ा रहे हैं. यहां दो टीचर तो ऐसे हैं जो बच्चो को मुफ्त में शिक्षा दे रहे है. गांव के ही डबल एमए पास नौजवान टीचर मुफ्त में बच्चों को पढ़ा रहे हैं. बच्चों की अंग्रेजी भी अच्छी हो रही है. 

शिक्षकों ने बताया कि साल 2019 में स्कूल में तीन कमरे थे. जिनमें से दो कमरे बिलकुल टूट चुके थे जबकि एकमात्र खस्ता हालत कमरे में स्कूल के छात्र पढ़ने को मजबूर थे. 16 सितंबर 2019 को गुरदविंदर सिंह ने स्कूल में हेड टीचर का पद संभाला. लेकिन स्कूल की खस्ता हालत ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया और उन्होंने स्कूल की हालत सुधारने का निर्णय लिया. इसके लिए उन्होंने गांव की पंचायत का सहयोग मांगा और साथ ही गांव के एनआरआई लोगों से भी सहयोग मांगा गया.  

उन्होंने सरकार को भी इसके बारे में लिखा था जिसके बाद सरकार ने स्कूल में तीन कमरों को बनाने के लिए ग्रांट भेजी. इस ग्रांट का सही तरीके से प्रयोग करने के साथ-साथ लोगों के सहयोग से स्कूल में चार कमरों और एक बड़े हॉल का निर्माण किया गया. वर्तमान स्कूल में एक बड़ा हॉल और छह कमरे हैं. स्कूल को सम्मान मिलने से पूरे गांव में खुशी का माहौल है. 

(प्रेम पासी की रिपोर्ट)

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