देश की हर एक राज्य सरकार अपने यहां के सरकारी स्कूलों के अव्वल दर्जे के होने का दम भरती रहती है. लेकिन आज हम आपको पंजाब के एक ऐसे सरकारी स्कूल के बारे में बताने जा रहे हैं जो हकीकत में बच्चों के लिए शिक्षा का मंदिर बना हुआ है.
यह कहानी है पंजाब में संगरूर के रतोके गांव में गवर्मेंट एलिमेंट्री स्कूल की. इस स्कूल के प्रिंसिपल, सुरेंद्र सिंह और उनकी पत्नी, रेनू सिंगला की सालों की मेहनत है जिसके कारण आज यह स्कूल इलाके में मशहूर हो रहा है. इस स्कूल के लिए उन्होंने अपना गांव तक छोड़ दिया और यहीं पर अपना घर बना लिया.
स्कूल में होती है 12 घंटे पढ़ाई
आमतौर पर स्कूलों का समय सुबह 8:00 से 2:00 बजे तक होता है. लेकिन इस स्कूल में 2:00 छुट्टी करने की बजाय बच्चों को आधे घंटे का ब्रेक दिया जाता है. वह अपने घर जाते हैं और खाना खाकर, अपनी स्कूल की वर्दी बदलकर फिर से स्कूल में आ जाते है.
इसके बाद 5:00 बजे तक पढ़ाई में कमजोर बच्चों को एक्स्ट्रा क्लास में पढ़ाया जाता है. फिर 5:00 बजे के बाद करीब 8:00 बजे तक उन्हें खेल और अन्य एक्टिविटी करवाई जाती है. इस स्कूल के ज्यादातर बच्चे खेलों में पंजाब लेवल पर मेडल जीत चुके हैं.
दूसरे स्कूलों के बच्चे आते हैं पढ़ने
ऐसा नहीं है कि इसी स्कूल के बच्चे 2:00 बजे के बाद स्कूल में पढ़ाई करने आते हैं. बल्कि दूसरे स्कूलों के बच्चे हैं या पास के गांव के बच्चे भी यहां पर दोपहर के बाद अपनी पढ़ाई करने के लिए आते हैं. लेकिन किसी से कोई पैसा नहीं लिया जाता है.
रेनू सिंगला ने इसी स्कूल में रहने के लिए अपना प्रमोशन भी नहीं लिया है. आज इस स्कूल के चर्चे पूरे पंजाब में है और यह स्कूल पिछले 10 सालों से अपनी हर एक्टिविटी में जिले भर में से पूरे नंबर वन पर रहता है. और दूसरे स्कूलों को इस स्कूल की मिसाल दी जाती है. पहले यह स्कूल प्राइमरी तक था और अब इसको मिडिल कर दिया गया है.
सुरेंद्र और रेनू यहां साल 2002 से पढ़ा रहे हैं और लगातार गांव के बच्चों का भविष्य संवारने में जुटे हैं.
(विक्की भुल्लर की रिपोर्ट)