कहते हैं अगर किसी में लगन और दृढ़ता हो तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है गुजरात के सुमित ने. सुमित ने ज्ञान साधना मेरिट स्कॉलरशिप परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल की है. सुमित की इस उपलब्धि की चर्चा दूसरे बच्चों के ज्यादा हो रही है. और इसका कारण है कि सुमित ने ये परीक्षा बिना किसी सुविधा के और अपनी मेहनत से हासिल की है. सुमित के पिता एक रिक्शा चालक हैं.
सुमित गरोले Mrs एलपीडी पटेल पब्लिक स्कूल के छात्र हैं. बता दें, साधना मेरिट स्कॉलरशिप राज्य भर में प्रतिभाशाली छात्रों के लिए शैक्षिक अवसरों को बढ़ावा देने के गुजरात सरकार के बड़े मिशन का हिस्सा है. यह पहल बच्चों के शिक्षा से जुड़े वित्तीय बोझ को कम करने का काम करती है. इसकी मदद से वंचित परिवारों को सपोर्ट भी किया जाता है.
सुमित की सफलता की राह
सुमित की साधारण पृष्ठभूमि को देखते हुए उनकी उपलब्धि और भी प्रभावशाली हो जाती है. गुजरात समाचार की रिपोर्ट के अनुसार, सुमित की मां सुनीताबेन मजदूरी करती हैं, जबकि उनके पिता संजयभाई रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं. इन चुनौतियों के बावजूद और बिना किसी ट्यूशन के, सुमित की कड़ी मेहनत और बड़ी बहन दर्शना के प्रोत्साहन से यह सफलता हासिल की.
छात्रों को मिलती है स्कॉलरशिप
Gyan Sadhana Scholarship Yojana में कक्षा 9 से 10 तक की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दी जाती है. इसमें 9 से 10 वालों को हर साल ₹20,000 और कक्षा 11 से 12 तक की पढ़ाई के लिए ₹25,000 की स्कॉलरशिप दी जाती है. ये स्कॉलरशिप छात्रों को ट्यूशन फीस, पढ़ाई से जुड़ी चीजें लेने और शैक्षिक खर्चों को कवर करने में मदद करती है. इसके लिए एक प्रतियोगी परीक्षा भी होती है. राज्य सरकार का लक्ष्य अपने छात्रों, विशेषकर आर्थिक रूप से जो बच्चे सक्षम नहीं हैं उन्हें सपोर्ट करना है. स्कॉलरशिप की मदद से हर साल सुमित जैसे कई बच्चों को बेहतर भविष्य मिल पाता है.
सम्मान भी मिलेगा
सुमित गरोले की इस शानदार उपलब्धि पर राज्य के टॉप अधिकारियों का ध्यान भी गया है. इसी को देखते हुए सुमित को 5 सितंबर को गुजरात के राज्यपाल और मुख्यमंत्री सम्मानित करने वाले हैं.
Mrs एलपीडी पटेल पब्लिक स्कूल के स्टाफ से लेकर छात्रों को सुमित पर काफी गर्व है. प्रिंसिपल को भी सुमित की उपलब्धियों पर काफी गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा कि सुमित की उपलब्धि स्कूल के दूसरे छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करेगी.