सुप्रीम कोर्ट आज उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें CBSE और CISCE के बोर्ड एग्जाम हाइब्रिड मोड (Hybrid Mode) में कराने की मांग की गई है. याचिका में कोर्ट से आगामी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कोरोना महामारी के बीच ऑफलाइन मोड के बजाय हाइब्रिड मोड में आयोजित करने के लिए एक संशोधित परिपत्र जारी करने की मांग की गयी है.
सीबीएसई और सीआईएससीई की आगामी बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने वाले छह छात्रों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ के समक्ष आई. जिसके बाद पीठ ने कहा कि याचिका पर 18 नवंबर को सुनवाई की जाएगी. याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने पीठ से कहा कि इस मामले पर तुरंत विचार करने की जरूरत है क्योंकि बोर्ड परीक्षाएं मंगलवार से शुरू होंगी. याचिका में कहा गया है कि आगामी परीक्षाएं ऑफलाइन और ऑनलाइन परीक्षा के बीच चयन करने के विकल्प के साथ हाइब्रिड मोड में आयोजित की जाएं.
18 नवंबर को होगी सुनवाई
पीठ ने देखा कि लंबित याचिका पर अगले साल जनवरी में सुनवाई होनी थी, लेकिन उन्होंने कहा कि वह उस याचिका पर जल्द सुनवाई करेगी और दोनों मामलों को इस हफ्ते उठाया जाएगा. जब याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका ने कुछ अलग मुद्दे उठाए हैं, तो पीठ ने कहा, “हम इसे 18 नवंबर को देखेंगे अगर मसला एक जैसा है तो इसे साथ में सुना जाएगा." पीठ ने एक अलग याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें सीबीएसई द्वारा आयोजित इम्प्रूवमेंट एग्जाम के परिणामों से संबंधित मुद्दा उठाया गया है.
शुरू हो चुकी हैं CBSE की परीक्षाएं
सीबीएसई की कक्षा 12 के लिए टर्म 1 बोर्ड परीक्षाएं 16 नवंबर से और 17 नवंबर से कक्षा 10 के लिए शुरू हो चुकी हैं. सीआईएससीई के पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं कक्षा 12 के लिए 22 नवंबर और कक्षा 10 के लिए 29 नवंबर से शुरू होने वाली हैं. सीबीएसई जहां कक्षा 10, 12 दोनों के मूल्यांकन के लिए ओएमआर का उपयोग करेगा, वहीं सीआईएससीई एक कंप्यूटर-जनरेटेड मार्कशीट जारी करेगा.
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