तमिलनाडु, हरियाणा और राजस्थान में 1 फरवरी से स्कूल फिर से खुल रहे हैं. स्कूलों में एक बार फिर ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो जाएंगी. हालांकि बीच में स्कूलों को ऑफलाइन क्लास के लिए खोला गया था लेकिन जैसे ही कोरोना और नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढ़े तो स्कूलों को फिर से बंद कर दिया गया.
लेकिन अब एक बार फिर स्कूल और कॉलेज खुल रहे हैं. हालांकि सभी स्कूलों के लिए कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा. स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए फेस मास्क लगाना, सैनिटाइटर का उपयोग, बार-बार हाथ धोने और सोशल डिस्टैन्सिंग आदि का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है.
इन जगहों पर खुल रहे हैं स्कूल, कॉलेज:
पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्कूल और कॉलेज 1 फरवरी से फिर से खुलेंगे. कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल केवल आधे दिन के लिए खुले रहेंगे, जबकि कक्षा 9 से 10 के लिए स्कूल नियमित कार्यक्रम के अनुसार चलेंगे. कॉलेज भी नियमित रूप से काम करेंगे.
राजस्थान: राजस्थान में कक्षा 10 से कक्षा 12 के लिए 1 फरवरी से और कक्षा 6 से कक्षा 9 के लिए 10 फरवरी से स्कूल खुलेंगे. हालांकि, छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प भी रहेगा.
तमिलनाडु: तमिलनाडु में स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय 1 फरवरी से फिर से खुलेंगे. तमिलनाडु के स्कूल कक्षा 1 से 12 तक के लिए फिर से खोल दिए जाएंगे.
हरियाणा: हरियाणा में कक्षा 10, 11 और 12 के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूल 1 फरवरी से फिर से खुल जाएंगे. ऑनलाइन शिक्षण जारी रहेगा, जिसमें स्कूल और कॉलेज आगामी परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर आवश्यक कार्रवाई करेंगे.
साथ ही बेंगलुरु में स्कूल, कॉलेज 31 जनवरी से फिर से खोल दिए जाएंगे.
यूनिसेफ ने सुझाए उपाय:
इस बीच, एक बयान में, यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक ने बच्चों की पढ़ाई को दुरुस्त करने के लिए और उन्हें एक बार फिर सीखने की राह पर वापस लाने के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं.
बयान में कहा गया है कि एक अनुमान के अनुसार दुनिया भर में 616 मिलियन बच्चे फ़िलहाल स्कूल बंद होने से प्रभावित हैं. लेकिन अब यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी बच्चा किसी भी कारण से पीछे न छूट जाये. इसके लिए डिजिटल कनेक्टिविटी में निवेश से यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है.
फ़िलहाल हर बच्चे को स्कूल वापस लाने में सक्षम बनाने के लिए साहसिक कदम उठाने की जरूरत है. इसमें सभी जरूरतमंद बच्चों पर विशेष ध्यान देने के साथ सपोर्ट देने की भी जरूरत है, जैसे बच्चों के लिए कैच-अप क्लास, मानसिक स्वास्थ्य और पोषण सहायता, सुरक्षा और अन्य प्रमुख सेवाएं उपलब्ध करानी होंगी.