मिट्टी की पहचान के लिए 10वीं क्लास की छात्रा बना रही है खास एप, किसान पिता की परेशानी बनी प्रेरणा, पीएम मोदी ने की सराहना

बुंदेलखंड में 10वीं क्लास में पढ़ने वाली ललितपुर की छात्रा मिट्टी की पहचान के लिये एक खास एप विकसित करने में जुटी है. उसके इस प्रोजेक्ट की सराहना एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भी की है.

नंदनी कुशवाहा
gnttv.com
  • ललितपुर,
  • 13 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST
  • नंदनी को मिला डिजिटल इंडिया वीक 2022 कार्यक्रम में हिस्सा लेने का मौका
  • 'मिट्टी को जानो फसल पहचानो' प्रोजेक्ट पर काम कर रही है नंदनी

आज सिर्फ बड़े-बड़े साइंटिस्ट, इंजीनियर या टेक्निशियन ही नहीं बल्कि स्कूलों में बढ़ने वाले छात्र भी डिजिटल भारत के सपने को साकार कर रहे हैं. यह कहानी है दसवीं कक्षा की एक छात्रा की जो मिट्टी की गुणवत्ता की पहचान करने के लिए एक खास मोबाइल एप बना रही है. 

बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के महरौनी तहसील में एक छोटे से गांव पठा की रहने वाली नंदनी कुशवाहा एक खास एप पर काम कर रही हैं. यह एप किसानों की मुख्य समस्या का समाधान हो सकती है. देश के प्रधानमंत्री मोदी ने भी नंदनी कुशवाहा की इस सोच और उनके भावी डिजिटल एप को सराहा और उसे प्रोत्साहित भी किया.

पीएम मोदी ने सराहा प्रोजेक्ट
नंदनी को भारत सरकार के इलोक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा गुजरात के गांधीनगर में 4 जुलाई को आयोजित डिजिटल इंडिया वीक 2022 कार्यक्रम में हिस्सा लेने का मौका मिला. इस कार्यक्रम, डिजिटल इंडिया वीक के मुख्य अतिथि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे. 

नंदनी ने यहां अपने प्रोजेक्ट और एप के बारे में बताया. पीएम ने उनके इस प्रोजेक्ट को काफी ध्यान से सुना और फिर उसे आशीर्वाद देते हुये इस पर कार्य आगे पढ़ने और बढ़ने के लिये प्रोत्साहित भी किया. 

किसान पिता की परेशानी बनी प्रेरणा 
नंदनी कुशवाहा ने बताया कि उसके पिता एक किसान हैं. वह हमेशा अपने पिता की फसल में कम पैदावार और परेशानियों को देखती रहती थी. अक्सर वह कम पैदावार का कारण जानना चाहती थी. इसके बाद एक बार ऑनलाइन क्लास के दौरान उसने मिट्टी के परीक्षण और उसकी समस्याओं के बार में जाना.

तब उनके मन मे ख्याल आया कि ज्यादातर किसान और ग्रामीणों के हाथों में उनका खुद का स्मार्ट फोन है, तो क्यों न एक ऐसा एप बनाया जाये जो मिट्टी की पहचान कर सके. मिट्टी में होने वाली कमियों को पूरा करने के लिये किसानों को जागरूक कर सके. जिससे उनकी फसलों की पैदावार बढ़े. 

शुरू किया 'मिट्टी को जानो फसल पहचानो' प्रोजेक्ट
नंदनी ने अपने शिक्षकों से इस बारे में डिस्कस किया और एक प्रोजेक्ट बनाया, जिसको उन्होंने नाम दिया-मिट्टी को जानो फसल पहचानो. उन्होंने बताया यह एक स्मार्ट डेटा आधारित उपकरण है जो मिट्टी में मौजूद विभिन्न पौषक तत्वों का विश्लेषण करके मिट्टी के लिये सबसे अच्छी फसल की पहचान कर सकता है. 

इसके द्वारा जो एप तैयार किया जा रहा है, उससे मिट्टी से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, तापमान और उसकी आद्रता प्राप्त कर ये जान सकेंगे कि उस खेत के लिये कौन-सी फसल उपयोगी होगी, साथ ही कौन सा खाद व किस तरह की कीटनाशक दवा का उपयोग किया जाना चाहिये. नंदनी कुशवाहा का कहना है कि उनके इस प्रोजेक्ट में यह एप करीब 2025 तक फिजिकल रूप में बन जायेगा. 

(मनीष सोनी की रिपोर्ट)

 

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