अगर आप लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र हैं और आस-पास किसी नए स्टार्टअप (Startup) का सपना संजोए हुए हैं, तो इस क्षेत्र के जाने-माने विशेषज्ञ आपकी मदद कर सकते हैं. आपका ये सपना लखनऊ विश्वविद्यालय और IIM इंदौर के साझा प्रयास से शुरू इनक्यूबेशन सेंटर (Incubation centre) में आकार ले सकता है. इस प्रयास से यूनिवर्सिटी से जुड़े वो छात्र जो अपना कुछ नया स्टार्ट करना चाहते हैं उन्हें ज़रूरी सहायता मिल सकेगी.
छात्रों की होगी मेंटरशिप
स्टार्टअप के जरिए आत्मनिर्भरता और युवाओं की सोच को नई उड़ान देने और छात्रों में प्रबंध कौशल विकसित करने के लिए अब लखनऊ में दो संस्थानों ने साथ आने का फ़ैसला किया है. ये लखनऊ यूनिवर्सिटी और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदौर की एक साझा पहल है. इसके लिए लखनऊ यूनिवर्सिटी में जल्द ही इन्क्यूबेशन सेंटर शुरू होने वाले वाला है. जिसकी मदद से जो लोग स्टार्टअप करने का मन बना रहे हैं उनकी मेंटरशिप देश के शीर्ष मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट द्वारा की जाएगी.
दोनों संस्थानों के बीच हुआ है समझौता
दरअसल, इसके लिए बुधवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी ने आईआईएम इंदौर के साथ एक समझौता पत्र (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं. ये समझौता 3 साल के लिए हुआ है. बता दें, इसकी मदद से छात्रों को नए स्टार्टअप को शुरू करने में जो शुरुआती समस्याएं आती हैं उन्हें सुलझाने में मदद मिलेगी.
आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रोफ़ेसर हिमांशु राय कहते हैं कि ‘छात्रों को भले ही स्टार्टअप लखनऊ में करना हो पर इसकी मेंटरशिप इंदौर में IIM से जुड़े विशेषज्ञ करेंगे. इसमें वहां के एक्सपर्ट छात्रों की सहायता करेंगे.”
छात्रों को मिलेगा IIM में इंटर्नशिप का मौका
बता दें, इसमें शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म सर्टिफ़िकेट कोर्स (certificate course) भी तैयार किए जाएंगे. रीसर्च के साझा कार्यक्रमों में भी दोनों साथ काम करेंगे. इसकी सबसे ख़ास बात ये है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रों को आईआईएम इंदौर में इंटर्नशिप करने का मौक़ा भी मिलेगा. हालांकि, इसके लिए अलग से मानक भी तय किए जाएंगे. यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े कॉलेजों के शिक्षकों के लिए फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम भी तैयार किए जाएंगे.
IIM कर रहा है यूपी के कई शहरों में रीसर्च और कंसलटेंसी का काम
गौरतलब है कि इस समय IIM इंदौर यूपी के कई शहरों में रीसर्च और कंसलटेंसी का काम कर रहा है. जिसमें कानपुर जैसे शहर को व्यवस्थित करना और अयोध्या को स्वच्छता मानकों के हिसाब से तैयार करना भी शामिल है.
लखनऊ यूनिवर्सिटी के वाईस चेयरमैन प्रो.आलोक कुमार राय कहते हैं, ‘इससे हमारे छात्रों और शिक्षकों को मौक़ा मिलेगा. यूनिवर्सिटी के छात्रों में प्रबंध कौशल और उद्यम की सोच का विकास होगा.’