CBSE ने कुछ समय पहले ही 12th क्लास के लिए बोर्ड परीक्षा की डेटशीट जारी की है. लेकिन बोर्ड परीक्षा के साथ-साथ 12वीं कक्षा के छात्रों को कई कंप्टीशन एग्जाम जैसे संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET), और CUET जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं की तैयारी भी करनी पड़ती है. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने भी परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया है.
JEE Main Session 1 examination 24 जनवरी से 1 फरवरी 2024 के बीच आयोजित किया जाएगा. इस बीच, NEET UG 2024 परीक्षा 5 मई 2024 को आयोजित की जाएगी. NTA 15 मई से 31 मई 2024 तक Common University Entrance Test -UG आयोजित करेगा. ऐसे में छात्रों को बोर्ड्स के साथ-साथ इन परीक्षाओं की तैयारी भी करनी होगी ताकि उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए अच्छे कॉलेज में दाखिला मिल सके.
तैयारी के लिए बनानी होगी स्ट्रेटजी
बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं, दोनों की एक साथ तैयारी करने वाले छात्रों के लिए बड़ी चुनौती है. लेकिन अगर छात्र सही रणनीति अपनाएंगे तो इस चुनौती को पार कर सकते हैं. दोनों परीक्षाओं के बीच बैलेंस बनाने के लिए आपको CBSE बोर्ड और प्रतिस्पर्धी परीक्षा दोनों के हाई वेटेज टॉपिक्स और कॉन्सेप्ट्स पर ध्यान देना होगा. इसके बाद, CBSE के हाई वेटेज वाले प्रश्नों को ही प्राथमिकता दें क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आप बोर्ड परीक्षाओं में पीछे न रहें.
समान सिलेबस पर करें फोकस: सबसे पहले अपने बोर्ड एग्जाम सिलेबस और कंप्टीटिव एंग्जान के सिलेबस में यह देखें कि कौन-से टॉपिक्स समान हैं. इस विषयों को प्राथमिकता दें. जिससे आपको तैयारी करने के लिए सही समय मिलेगा.
इंटीग्रेटेड स्टडी प्लान: एक इंटीग्रेटेड स्टडी प्लान तैयार करें जिसमें बोर्ड परीक्षा के विषय और प्रतियोगी परीक्षा के विषय दोनों शामिल हों. हर एक सब्जेक्ट के लिए टाइम स्लॉट तय करें. ट्रैक पर बने रहने के लिए अपने स्टडी रूटीन में शॉर्ट और लॉन्ग टर्म गेल्स को इंटीग्रेट करें.
टाइम मैनेजमेंट है जरूरी: समय का सही तरह से मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. हर दिन का रूटीन बनाएं जो बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षा, दोनों की तैयारी की जरूरत के हिसाब से हो. हर एक सब्जेक्ट में जितना समय चाहिए उस समय के बारे रियलिस्टिक रहें और जरूरत के हिसाब के फ्लेक्सिबिलिटी एडॉप्ट कर सकते हैं.
रीविजन है बहुत जरूरी: रीविजन करना छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है. अपने स्टडी प्लान में समय-समय पर रीविजन सेशन शामिल करें, बोर्ड एग्जाम कॉन्सेप्ट्स और कंप्टीशन एग्जाम के विषयों, दोनों पर दोबारा गौर करें. जरूरी टॉपिक्स के लिए माइंड मैप्स, फ्लैशकार्ड्स या इजी नोट्स का इस्तेमाल करें.
मॉक टेस्ट के साथ प्रैक्टिस करें: बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं दोनों के लिए नियमित रूप से मॉक टेस्ट देते रहें. एग्जान पैटर्न से परिचित होने और टाइम मैनेजमेंट की प्रैक्टिस के लिए बोर्ड परीक्षा के पिछले प्रश्न पत्रों का उपयोग करें. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए, अपनी प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स को निखारने के लिए रियल टेस्ट कंडीशन फॉलो करें.
मल्टीडाइमेंशनल लर्निंग रिसोर्स: इसका मतलब है कि टेक्सट बुक्स, ऑनलाइन मेटेरियल्स और रेफ्रेंस गाइडों को शामिल करके अपने लर्निंग रिसोर्सेज में विविधता लाएं. हर एक विषय की व्यापक समझ सुनिश्चित करने के लिए अपनी बोर्ड परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं के अनुरूप रिसोर्सेज चुनें.
मेंटर्स और साथी छात्रों से जुड़े रहें: शिक्षकों, मेंटर्स और साथियों के साथ संपर्क में रहें. जिनके पास बोर्ड परीक्षाओं और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं दोनों के माध्यम से छात्रों का मार्गदर्शन करने का अनुभव है. उनकी सलाह, स्टडी कंटेंट और ट्रिक्स इन चुनौतियों से निपटने में बहुत मददगार साबित हो सकती हैं.