दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में हाल में स्थापित किए गए हिंदू अध्ययन केंद्र में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से हिंदू अध्ययन में स्नातकोत्तर (एमए) की पढ़ाई होगी. डीयू ने इसके लिए मंगलवार यानी 19 सितंबर से दाखिले की शुरुआत कर दी है. इस प्रोग्राम में दाखिले के लिए पंजीकरण 30 सितंबर 2023 तक कराया जा सकता है.
स्नातक डिग्री धारक आवेदन करने के लिए होंगे पात्र
केंद्र की संयुक्त निदेशक प्रो. प्रेरणा मल्होत्रा ने बताया कि इसके लिए दाखिला केवल आहर्ता डिग्री में मेरिट के आधार पर होगा. न्यूनतम स्कोर के साथ किसी भी विषय में स्नातक डिग्री धारक इस प्रोग्राम में आवेदन करने के लिए पात्र होंगे. उन्होंने बताया कि दाखिले के इच्छुक उम्मीदवारों को https://pg-merit.uod.ac.in/ पर अपना पंजीकरण कराना होगा. अन्य विवरण के लिए उम्मीदवारों को विश्वविद्यालय की प्रवेश वेबसाइट (www.admission.uod.ac.in) पर प्रकाशित पीजी-मेरिट आधारित सूचना बुलेटिन देखना होगा.
इन विषयों में भी दाखिला प्रक्रिया शुरू
विश्वविद्यालय ने साइबर सुरक्षा और कानून में स्नातकोत्तर डिप्लोमा और एमए चीनी अध्ययन प्रोग्रामों में भी दाखिला प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन प्रोग्रामों में प्रवेश की पात्रता और प्रक्रिया के संबंध में विशिष्ट विवरण भी विश्वविद्यालय की एडमिशन वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है. प्रो. मल्होत्रा ने बताया कि हिंदू अध्ययन में मास्टर ऑफ आर्ट्स अपनी तरह का पहला स्नातकोत्तर प्रोग्राम है, जिसमें कंप्यूटर विज्ञान, डेटा एनालिटिक्स, वाणिज्य, राजनीति विज्ञान आदि के ज्ञान क्षेत्रों में भी माइनर कोर्स का प्रावधान किया गया है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी 2020) के प्रगतिशील प्रावधानों के साथ शिक्षण-अधिगम और अनुसंधान में नवाचार और व्यावहारिक अभिविन्यास के लिए ज्ञान प्रसार में बहु-विषयक दृष्टिकोण की परिकल्पना करता है.
मास्टर डिग्री में शामिल किया जाएगा
डेटा साइंस और एनालिटिक्स/ कंप्यूटर साइंस/ कॉमर्स/ पॉलिटिकल साइंस जैसे चुने गए माइनर विषय को एमए हिंदू अध्ययन में मास्टर डिग्री में शामिल किया जाएगा. हिंदू अध्ययन के साथ-साथ चुने हुए माइनर विषय के साथ मेजर में आवश्यक क्रेडिट के साथ एमए डिग्री प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी मेजर विषय में आगे शोध और अध्ययन करने के लिए पात्र होंगे.
क्या है उद्देश्य
प्रो. मल्होत्रा ने बताया कि माइनर के साथ हिंदू अध्ययन में एमए का उद्देश्य विद्यार्थियों को हिंदू दर्शन और दृष्टिकोण से संबंधित पारंपरिक ज्ञान के साथ भविष्य के लिए रोजगार योग्य कौशल प्रदान करना है. यह प्रोग्राम हजारों वर्ष पुराने हिंदू लोकाचार और समकालीन करियर लक्ष्यों की गहरी समझ पर केंद्रित होगा. बहु-विषयक दृष्टिकोण विद्यार्थियों को हिंदू अध्ययन और अन्य समकालीन विषयों के बीच अंतरसंबंधों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
यह प्रोग्राम विश्वविद्यालय की एक अत्याधुनिक पहल है जिसे हिंदू विचार और दर्शन की गहरी एवं सूक्ष्म समझ को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. प्रो. प्रेरणा मल्होत्रा ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में नए-नए विषय शुरू किए जा रहे हैं ताकि छात्रों का और विकास हो सके. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी) के लिए एक विषय के रूप में हिंदू अध्ययन की शुरुआत ने यह सुनिश्चित किया है कि इसे एक ज्ञान डोमेन के रूप में मान्यता प्राप्त है.
(कुमार कुणाल की रिपोर्ट)