Sanskrit Education: संस्कृत को बढ़ावा देने की योगी सरकार की बड़ी पहल, 24 संस्कृत कॉलेज खोलने की तैयारी

Sanskrit Education in UP: उत्तर प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने काम तेज कर दिया है. सरकार 24 नए संस्कृत कॉलेज खोलने जा रही है. अभी राज्य में सिर्फ 2 सरकारी संस्कृत कॉलेज हैं.

संस्कृत को बढ़ावा देने की योगी सरकार की बड़ी पहल (फाइल फोटो)
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 07 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

यूपी में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार नए संस्कृत कॉलेज खोलने वाली है. इसके लिए पहल शुरू हो गयी है. करीब 24 संस्कृत कॉलेज खोलने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पहल की है. इंटरमीडीएट स्तर के इन राजकीय विद्यालयों में संस्कृत माध्यम से पढ़ाई होगी. हाल ही में हुई बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री ने नए राजकीय संस्कृत विद्यालय खोलने के निर्देश दिए थे.

24 संस्कृत कॉलेज खोलेगी सरकार-
यूपी सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी पहल की है. प्रदेश में 24 संस्कृत विद्यालय खोलने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कोशिश शुरू कर दी है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेंद्र देव ने जिला विद्यालय निरीक्षकों (DIOS) को पत्र लिखकर ये कहा है कि अपने जिले में सरकारी संस्कृत विद्यालयों के लिए जमीन चिह्नित करें. इसके बाद विभाग को इसके लिए रिपोर्ट तैयार कर भेजें. अभी दो दर्जन संस्कृत विद्यालयों के लिए ये व्यवस्था की गई है. लेकिन इसकी संख्या अधिक भी हो सकती है.

सीएम योगी ने की थी बैठक-
दरअसल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में संस्कृत शिक्षा पर जोर देने के लिए बैठक की थी. उसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ संस्कृत बोर्ड के अधिकारी भी शामिल थे. उसमें इसको लेकर निर्देश दिया गया था. उसके बाद इसको लेकर काम तेज हो गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को कहा है कि ऐसी ज़मीन चिह्नित करें. कई जिलों राजकीय विद्यालय के पास काफी जमीन भी हैं. ऐसे में नए राजकीय संस्कृत कॉलेज खोलने की राह आसान हो जाएगी. जिला विद्यालय निरीक्षकों को इस बारे में प्रपोजल तैयार करना है.

यूपी में सिर्फ 2 सरकारी संस्कृत विद्यालय-
यूपी में संस्कृत विद्यालयों की संख्या करीब 1246 है. लेकिन सरकारी संस्कृत विद्यालय सिर्फ 2 हैं. इनमें से एक भदोही में और एक चंदौली में है. उसके अलावा सरकार 973 एडेड संस्कृत विद्यालयों को अनुदान भी देती है. इसके अलावा कई विद्यालय प्राइवेट भी हैं जिसको निजी स्तर लोग या ट्रस्ट चलाते हैं. अब सरकारी विद्यालयों की संख्या किया बढ़ाने की पहल की गयी है. फिलहाल इसकी कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गयी है.  लेकिन माना ये जा रहा है कि दो चरणों में संस्कृत विद्यालय खोले जाएंगे, जहां इंटरमीडीएट तक पढ़ाई होगी. संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और संस्कृत विद्यालयों की पढ़ाई में एकरूपता के लिए साल 2000 में संस्कृत शिक्षा बोर्ड का गठन किया गया था. सभी संस्कृत विद्यालय इससे सम्बद्ध हैं.

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