उत्तर प्रदेश के हर जिले में यूनिवर्सिटी खोलने के लक्ष्य पर योगी सरकार काम कर रही है. जल्द ही हर जिले में यूनिवर्सिटी खोलने का रास्ता साफ हो सकता है. इसके लिए सरकार ने प्राइवेट संस्थानों से संपर्क शुरू कर दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद निजी विश्वविद्यालयों से संवाद कर उनको जिलों में निवेश के लिए आमंत्रित करने की शुरुआत की. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़े नाम बन चुके विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से बातचीत में योगी आदित्यनाथ ने उनके सामने इस बात को रखते हुए कहा कि जिन जिलों में विश्वविद्यालय नहीं हैं, वहां उनको निवेश करने पर प्राथमिकता दी जा सकती है. उन्होंने एक बैठक में उच्च शिक्षण संस्थानों से इसका आह्वान किया.
हर जिले में यूनिवर्सिटी की योजना-
यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां तेज हो गयी है. इसके लिए जिन सेक्टर पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया है, उसमें उच्च शिक्षा भी शामिल है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं कि हेल्थ, एजुकेशन और इंफ़्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा निवेश को आकर्षित किया जा सके. इसी के तहत मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज और संस्थानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में यूपी के विजन के बारे में भी समझाया. मुख्यमंत्री ने विभाग और शासन के अधिकारियों के साथ बैठक में इस बात को साझा किया गया कि यूपी में हर जिले में यूनिवर्सिटी खोलने की योजना है.
सरकार देगी विशेष सहयोग-
बैठक में निजी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति, प्रति कुलपति और डायरेक्टर शामिल थे. मुख्यमंत्री ने इन निजी विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से यूपी में निवेश के लिए कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किया गया निवेश कभी बेकार नहीं जाता. निजी संसाधनों के प्रतिनिधियों से ये कहा गया है कि यूपी में जिन जिलों में यूनिवर्सिटी नहीं है, अगर उन जिलों में यूनिवर्सिटी खोलने के लिए ये संस्थान या ग्रुप कदम बढ़ाते हैं, तो उनको सरकार पूरा सहयोग देगी. यूपी सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने हाल के समय में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए इन संस्थानों को आश्वस्त किया कि जिलों में निवेश करने पर भी पूरी सुविधाएं और सहयोग मिलेगा. वर्तमान में जिलों की स्थिति अनुकूल और किसी भी तरह के निवेश के लिए उपयुक्त है. ऐसे में अगर ये नामचीन संस्थान या ग्रुप वहाँ यूनिवर्सिटी खोलते हैं तो वहां के छात्रों को भी लाभ मिलेगा.
सूबे में 4 केंद्रीय विश्वविद्यालय और 22 राज्य विश्वविद्यालय-
सरकार ने हाल ही में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति को बताते हुए कहा कि यूपी में चार केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, जबकि 22 राज्य विश्वविद्यालय हैं. राज्य में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 34 है. इसके अलावा मेडिकल यूनिवर्सिटीज और संस्थानों की संख्या में भी पिछले कुछ समय में वृद्धि हुई है. 2017 के पहले 12 मेडिकल कॉलेज प्रदेश में थे, जबकि अब 45 जिलों में मेडिकल कॉलेज संचालित हैं. वहीं 16 मेडिकल कॉलेजों का निर्माण हो रहा है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने इन निजी संस्थानों और विश्वविद्यालयों का आह्वान किया कि जिन जिलों में यूनिवर्सिटी नहीं है, वहाँ वो यूनिवर्सिटी खोलें. उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी मानती हैं कि शिक्षा में क्षेत्र में अब यूपी बड़ा हब बन चुका है. रजनी तिवारी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि राज्य के भी विश्वविद्यालय और संस्थान हों और प्राइवेट विश्वविद्यालय भी खुलें. अगर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होती है तो उससे काम और अच्छा होता है. यूपी के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अब अपने जिले में ही अवसर मिलेंगे.
बैठक में शामिल संस्थानों में से कई ऐसे ग्रुप हैं, जो दूसरे राज्यों में हैं और अब यूपी में अपने संस्थान खोलना चाहते हैं. मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के साथ बैठक में गलगोटिया यूनिवर्सिटी, तेलंगाना की एमएनआर यूनिवर्सिटी, पश्चिम बंगाल की जेआईएस ग्रुप, सीबी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी उड़ीसा, मानव रचना एजुकेशनल ग्रुप हरियाणा, रमैया ग्रूप कर्नाटक, वीआईटी यूनिवर्सिटी वेल्लोर समेत कई संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
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