Inspiring: Indian Engineering Service छोड़कर शुरू की Free Coaching Class, हजारों बच्चों का जीवन संवार रहा है यह शख्स

करीमनगर के रहने वाले चिंताला रमेश ने अपना सरकारी नौकरी छोड़कर गरीब बच्चों के लिए फ्री कोचिंग क्लास शुरू की. इस कोचिंग क्लास में वे छात्रों को GATE या IES जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं.

Representational Image (Bing AI)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 29 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 10:12 AM IST

बहुत से लोगों का सपना होता है कि उनकी सरकारी नौकरी लग जाए लेकिन तेलांगना में एक शख्स ने सरकारी नौकरी छोड़कर समाज सेवा की राह चुनी. यह कहानी है करमीनगर के रहने वाले चिंताला रमेश की. रमेश ने इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज की परीक्षा पास की थी. उनकी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) में जूनियर टेलीकॉम अधिकारी के रूप में नौकरी लगी. 

लेकिन कुछ समय बाद रमेश ने नौकरी छोड़ दी. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए, रमेश ने बताया अगर उन्होंने नौकरी जारी रखी होती तो सिर्फ उनके परिवार के सदस्यों को फायदा होता, लेकिन अब उनका काम कई छात्रों को उनके लक्ष्य हासिल करने में मदद कर रहा है. खासकर कि गरीब बच्चों की जिंदगी संवारने में वह मदद कर पा रहे हैं. 

बच्चों की जिंदगी संवारने की प्रेरणा
मंचेरियल जिले के बेल्लमपल्ली में सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में मजदूर के रूप में काम करने वाले माता-पिता के घर में जन्मे रमेश ने अपना करियर बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पडी़. वह कहते हैं कि जब उन्हें बीएसएनएल में नौकरी मिली तब वह वारंगल के एसआर कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे थे.

भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (आईईएस) पास करने के बावजूद, रमेश ने देखा कि कई गरीब छात्रों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही थी या प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं को पास करने के लिए उनके पास मार्गदर्शन की कमी थी. बहुत से गरीब छेत्र जैसे-तैसे इंजीनियरिंग करने के बाद परीक्षा पैटर्न के बारे में जागरूकता की कमी के कारण गेट पास करने में असमर्थ थे. 

शुरू की फ्री कोचिंग क्लास 
इस अंतर को पाटने के लिए, रमेश ने 2019 में अपनी नौकरी छोड़ दी और छात्रों को IIT या प्रमुख बीटेक संस्थानों में दाखिला पाने में मदद करने के लिए RIGA शुरू किया. उन्होंने बताया कि सैकड़ों छात्र फिजिकल मोड में उनसे कोचिंग लेते हैं और 9,000 से ज्यादा ने ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प चुना है. ज्यादातर छात्रों को वह मुफ्त में कोचिंग देते हैं लेकिन ऑनलाइन कोचिंग के लिए वह हर एक छात्र से 615 रुपये सालाना लेते हैं.

उन्होंने 50 से ज्यादा उम्मीदवारों को GATE पास करने और केंद्रीय और MNC कंपनियों में नौकरी सुरक्षित करने में मदद की है. उनका एक छात्र अब भारतीय मानक ब्यूरो में वैज्ञानिक के रूप में काम करता है. एक अन्य छात्र को मीडियाटेक में 25 लाख रुपये के पैकेज पर नौकरी मिली. 

अपने निजी जीवन के बारे में बात करते हुए, रमेश कहते हैं कि उनकी कोई बड़ी इच्छा नहीं है. ऑनलाइन कक्षाओं से होने वाली आय एक साधारण जीवन शैली के लिए पर्याप्त है, और उनकी पत्नी परिवार का सपोर्ट करने के लिए टीचर के रूप में काम करती है. उनका दोस्त भी मुफ्त कोचिंग को सपोर्ट करने में उनकी मदद करता है. 

 

Read more!

RECOMMENDED