देश में हर साल लाखों बच्चे मेडिकल की पढ़ाई के लिए NEET एग्जाम देते हैं लेकिन इनमें से कुछ बच्चे ही कामयाब हो पाते हैं. ज्यादातर छात्र कक्षा नौवीं-दसवीं से ही एंट्रेंस एग्जाम की तैयारियां शुरू कर देते हैं. और 11-12वीं में क्लासेज के साथ एग्जाम के लिए कोचिंग की शुरुआत हो जाती है. मेहनत तो सभी करते हैं लेकिन कई बार सही दिशा में मेहनत न होने से मन-मुताबिक परिणाम नहीं आ पाता है. ऐसे में, जरूरी है कि आपकी तैयारी का तरीका और दिशा सही हो. आज हम आपको बता रहे हैं NEET Exam Preparation के लिए कुछ टिप्स.
कितने घंटे करनी चाहिए पढ़ाई
अक्सर माता-पिता और छात्रों को लगता है कि 10-12 घंटे पढ़ाई करने से उनका एग्जाम क्रैक हो जाएगा. लेकिन ऐसा जरूरी नहीं होता है. क्योंकि आप कितने घंटे पढ़ाई कर रहे हैं उससे ज्यादा जरूरी है कि आप कितने फोकस से पढ़ाई कर रहे हैं और टॉपिक्स को समझने और बैलेंस करने में आपको कितनी सफलता मिल रही है. NEET 2020 टॉपर, शोएब आफताब ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह स्कूल में सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक होते थे और फिर ढाई बजे से शाम को सात बजे तक कोचिंग में. ऐसे में उनके लिए बहुत ज्यादा मुश्किल था कि वह घर आकर फिर से 3-4 घंटे पढ़ पाएं. इसलिए वह वीकेंड या छुट्टी वाले दिन पढ़ाई के लिए ज्यादा टाइम निकालते थे.
सेल्फ-स्टडी है जरूरी
ज्यादातर NEET टॉपर्स का कहना होता है कि एग्जाम के लिए सेल्फ-स्टडी करने से मदद मिलती है. स्कूल और कोचिंग क्लास के बाद कोशिश करनी चाहिए की आप कुछ समय सेल्फ-स्टडी को दें ताकि आपको पता चले कि जो टॉपिक आपने पढ़ा है वह कितना आपको समझ में आया है और अगर कोई ऐसी चीज है जो आप नहीं समझ पा रहे हैं तो साथ के साथ इसे दूर करना चाहिए. एग्जाम जैसे-जैसे पास आता है तो आपको सेल्फ-स्टडी टाइम बढ़ा देना चाहिए और अपनी तैयारी पर पूरा फोकस करना चाहिए.
बहुत जरूरी है रिवीजन
सबसे जरूरी है कि आप अपना सिलेबस समय से पहले पूरा करने का टारगेट रखें. अगर आपका सिलेबस समय रहते पूरा हो जाता है तो आपके पास रिवीजन करने के लिए अच्छा समय होता है. एग्जाम से पहले आपको कम से कम दो-तीन बार सिलेबस का रिवीजन करना चाहिए. क्योंकि इससे आपके टॉपिक्स क्लियर होते हैं, और आपको पता चलता है कि आपके कुछ छूट तो नहीं गया है. सबसे जरूरी बात है कि रिवीजन करने से आपको खुद पर कॉन्फिडेंस बढ़ता है.
पुराने पेपर और मॉक टेस्ट से करें प्रैक्टिस
ज्यादातर नीट टॉपर्स सलाह देते हैं कि एग्जाम से एक-दो महीने पहले से छात्रों को NEET मॉक टेस्ट और पुराने पेपर्स के साथ प्रैक्टिस शुरू कर देनी चाहिए. जितना ज्यादा आप मॉक टेस्ट प्रैक्टिस करते हैं उतना ही आपका कॉन्फिडेंस बढ़ता है. साथ ही, एग्जाम की टाइमिंग के हिसाब से भी आपकी तैयारी होती रहती है. पुराने साल के पेपर्स और मॉक टेस्ट सॉल्व करने से आप अपनी तैयारी का लेवल भी समझ सकते हैं.
पेपर देते समय रहें शांत
एग्जाम के पहले छात्रों के लिए घबराना स्वाभाविक है, लेकिन डर सिर्फ आत्मविश्वास को कम करता है. नीट यूजी 2022 में तीसरी रैंक हासिल करने वाले हृषिकेश नागभूषण गांगुले का कहना है कि सबसे पहले उन्होंने एग्जाम पेपर को पढ़ा और फिर टाइम से पहले पेपर को पूरा किया ताकि एक बार फिर उत्तरों को जांचने का समय उनके पास रहे. साथ ही, वह सलाह देते हैं कि जो सेक्श आपको अच्छे से आता हो उसे पहले अटेंप्ट करें. नीट 2021 के टॉपर तन्मय गुप्ता के मुताबिक, एग्जाम से पहले हल्के-फुल्के टीवी सीरियल देखने, दिन में एक घंटा व्यायाम करने से तनाव और चिंता कम करने में मदद मिलती है.