बच्चों को सबसे ज्यादा डर अपने फेल होने का लगता है. हाल ही में NEET की तैयारी कर रहा एक 19 साल का छात्र 6 मई को कोटा से गायब हो गया. गंगापुर शहर का रहने वाला छात्र कोटा में रह रहा था. उसके अचानक लापता होने से उसके माता-पिता को झटका लगा. बता दें, छात्र NEET परीक्षा के लिए लगन से तैयारी कर रहा था और उसने दो साल पहले इसका प्रयास किया था लेकिन सफलता नहीं मिली थी. अपने प्रयासों के बावजूद, वह परीक्षा पास नहीं कर पा रहा था.
छात्र ने 6 मई को अपने माता-पिता को एक मैसेज भेजा, जिसमें उसने अपनी पढ़ाई बंद करने और पांच साल के लिए घर छोड़ने की बात लिखी. मैसेज में छात्र ने आश्वासन दिया कि वह कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा और अनुरोध किया कि कोई भी उससे संपर्क करने का प्रयास न करे. हालांकि, पुलिस ने छात्र के लापता होने की जांच शुरू कर दी है.
बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाना जरूरी
ये कोई पहला मामला नहीं है. आए दिन हम खबरों में बच्चों के फेल होने के बाद सुसाइड करने, घर से भाग जाने के बारे में सुनते हैं. ऐसे में सबसे जरूरी है कि बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाया जाए. असफल होने के बाद उन्हें समझाया जाए कि यह आखिरी मौका नहीं है. साथ ही सिखाया जाए कि असफलता जीवन का एक हिस्सा है. यहां कुछ रणनीतियां दी गई हैं जिनका उपयोग माता-पिता असफलता के बाद अपने बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए कर सकते हैं.
कैसे बढ़ाएं बच्चे का आत्मविश्वास?
1. सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा दें
अपने बच्चे को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें. साथ ही उन्हें बताएं कि असफलता केवल एक पड़ाव है और इसे केवल सीखने के अनुभव के रूप में देखें. उन्हें उनकी ताकत और क्षमताओं को पहचानने में मदद करें, इस बात पर जोर दें कि असफलताएं अस्थायी हैं.
2. इमोशनल सपोर्ट दें
अपने बच्चे की निराशा और हताशा की भावनाओं को समझने की कोशिश करें. उनकी बात सुनें और उनकी भावनाओं को समझें. उन्हें आश्वस्त करें कि असफलता का अनुभव करने के बाद परेशान होना स्वाभाविक है.
3. परिणाम से अधिक प्रयास पर ध्यान दें
कड़ी मेहनत और दृढ़ता के महत्व पर जोर देते हुए, परिणामों से हटकर प्रयास पर ध्यान देने के लिए कहें. अपने बच्चे को सिखाएं कि सफलता केवल परिणामों से नहीं बल्कि उनके प्रयासों में लगाए गए समर्पण से निर्धारित होती है.
4. छोटी-बड़ी उपलब्धियों का जश्न मनाएं
अपने बच्चे की उपलब्धियों को स्वीकार करें और उसका जश्न मनाएं, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो. उनके प्रयासों को पहचानने से आत्मविश्वास बढ़ता है और उन्हें सफलता के लिए प्रयास जारी रखने के लिए प्रेरित किया जाता है.
5. बच्चों को सशक्त बनाएं
बच्चे जीवन में आने वाली परेशानियों से अकेले निपट सकें, इसके लिए उन्हें सशक्त बनाएं. जब वे चुनौतियों का सामना करें तो मार्गदर्शन और सहायता दें. साथ ही घर का माहौल ऐसा रखें कि बच्चा आप से आकर कुछ भी शेयर कर सके. साथ ही वो अपनी सभी बातें खुलकर बता सके.