विदेश जाने के लिए दी जाने वाली परीक्षा TOEFL की अवधि अब तीन घंटे से घटाकर दो घंटे कर दी गई है. एजुकेशन टेस्टिंग सर्विस (ETS) ने इसकी जानकारी दी और बताया कि इस साल 26 जुलाई से यह नियम लागू हो जाएगा. इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षा खत्म होने के तुरंत बाद यह जान सकेंगे कि उनके अंक किस दिन पता चलेंगे. ईटीएस ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "जुलाई से टीओईएफएल को एक घंटे कम किया जाएगा, उम्मीदवारों को स्कोर स्थिति का उसी समय नोटिफिकेशन प्राप्त होगा."मतलब अब परीक्षा पूरी होने पर आधिकारिक अंक जारी होने की तारीख की भी जानकारी मिल जाएगी.
क्या है TOEFL?
TOEFLयानी टेस्ट ऑफ इंग्लिश फॉरेन लैंग्वेज के माध्यम से स्टूडेंट्स की अंग्रेजी भाषा की जानकारी चेक की जाती है. इसके जरिए यह देखा जाता है कि स्टूडेंट्स की स्टैंडर्ड अमेरिकन इंग्लिश पर कैसी पकड़ है. यह उन स्टूडेंट्स को देना होता है, जिनकी मातृभाषा इंग्लिश नहीं होती और जो इंग्लिश को सेकंड लैंग्वेज के तौर पर इस्तेमाल करते हैं.
परीक्षा की अवधि को तीन से दो घंटे में बदलने की प्रक्रिया पूरे परीक्षण के दौरान निर्देशों और नेविगेशन को सुव्यवस्थित करके की जाएगी. ईटीएस के अनुसार, ‘रीडिंग’भाग को छोटा किया जाएगा, जबकि ‘freelance writing assignments’ को ‘writing for academic discussion’ से बदल दिया जाएगा. बिना अंकों वाले प्रश्न भी परीक्षा से हटाए जाएंगे. ये जानकारी उन बच्चों के लिए बहुत अहम है जो विदेश में दाखिले का प्लान कर रहे हैं. बता दें कि टोफेल को 150 से अधिक देशों में 10,000 से अधिक संस्थानों ने मान्यता दी है और अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड जैसे लोकप्रिय स्थलों के अलावा ब्रिटेन में 98 प्रतिशत से अधिक विश्वविद्यालयों द्वारा इसे सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया गया है.
कर सकेंगे स्थानीय क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल
इसके अलावा विश्व स्तर पर यूज किए जाने वाले क्रेडिट कार्ड के अलावा, परीक्षार्थियों के पास अब स्थानीय रूप से जारी किए गए क्रेडिट और डेबिट कार्ड, वॉलेट और नेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान करने का विकल्प है. बयान में कहा गया है कि परीक्षण की कीमतें INR में उनके कार्ट में दिखाई जाएंगी. ईटीएस ने यह भी बताया कि वे भारत के लिए एक समर्पित ग्राहक सेवा केंद्र शुरू करेंगे.
ईटीएस के सीईओ अमित सेवक ने कहा कि ईटीएस शिक्षा और सीखने में नवाचारों के माध्यम से मूल्यांकन के भविष्य को दिशा दे रहा है और टोफेल इस प्रयास का मूल है. टोफेल का लगभग छह दशकों से एक स्टेंडर्ड बना हुआ है. ये बदलाव इसकी स्थिति को रेखांकित करते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये बदलाव हमारे stakeholders के माध्यम से विकसित किए गए हैं.’ पंजीकरण प्रक्रिया इस वर्ष जुलाई में शुरू होगी.