Padiyal Village: क्या आपने देखा है ऐसा गांव... जहां हर घर में हैं सरकारी अफसर... जो नहीं बन पाए वे हैं विदेशों में डॉक्टर-इंजीनियर... अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर पड़ियाल के बच्चे सिर्फ बनना चाहते हैं Officer

Officer's Village Padiyal: मध्य प्रदेश के धार जिले स्थित पड़ियाल गांव के हर घर से एक व्यक्ति सरकारी नौकरी में है. करीब 5,500 की आबादी वाले इस आदिवासी बहुल गांव में 300 से अधिक सरकारी कर्मचारी और 100 से ज्यादा उच्च पदस्थ अधिकारी देश और प्रदेश की सेवा कर रहे हैं. यह गांव अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर है.

Padiyal Village School
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST
  • एमपी के पड़ियाल गांव की साक्षरता दर है 90 फीसदी
  • 5500 लोगों की बस्ती से 400 सरकारी अफसर-कर्मचारी

क्या आपने ऐसे गांव के बारे में देखा-सुना है, जहां हर घर से कोई न कोई सरकारी अफसर हो. यदि नहीं तो हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के बच्चे सिर्फ और सिर्फ सरकारी आधिकारी (Government Officer) बनने का सपना देखते हैं. वे इसके लिए बचपन से ही जी-जान से जुट जाते हैं और अंत में अधिकारी बनकर ही दम लेते हैं. यदि किसी कारण से ऐसा नहीं कर पाए तो डॉक्टर और इंजीनियर जरूर बन जाते हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के धार जिले स्थित पड़ियाल गांव (Padiyal Village) की. 

प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर जबरदस्त होड़
अधिकारियों के गांव के नाम से मशहूर पड़ियाल गांव की कुल आबादी 5500 है. इस गांव की साक्षरता दर 90 फीसदी है. इस गांव के युवाओं में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर जबरदस्त होड़ मची रहती है. इस गांव का हर अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर सीरियस रहता है. इस आदिवासी बहुल गांव के 400 से अधिक लोग सरकारी अफसर और कर्मचारी हैं. इसमें से 300 से अधिक सरकारी कर्मचारी और 100 से ज्यादा उच्च पदस्थ अधिकारी देश और प्रदेश की सेवा कर रहे हैं. इस गांव के कई युवा अमेरिका और मलेशिया जैसे देशों में इंजीनियर हैं, तो वहीं कुछ बिजनेस भी कर रहे हैं.  

गांव का सामाजिक ताना-बुना शिक्षा पर है केंद्रित 
एमपी (MP) के पड़ियाल गांव में हायर सेकेंडरी स्कूल है, जिसमें 23 शिक्षक हैं. वे स्कूल में दाखिल 702 छात्र-छात्राओं को पढ़ाते-लिखाते हैं. यहां कक्षा 6 से 12वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल में स्मार्ट क्लासेस शुरू की गई हैं. यह गांव अपनी शिक्षा-प्रेमी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है. इस गांव के 12 अधिकारी सेवानिवृत्त होने के बाद समाजसेवा का काम कर रहे हैं. यहां के युवकों में प्रतियोगी परीक्षाओं में आने की होड़ आजादी के समय से ही शुरू हो गई थी.

इस क्षेत्र में लंबे समय से बीआरसी के पद पर कार्य कर रहे मनोज दुबे ने शिक्षा की बेहतरी के लिए कई कार्य किए हैं. नतीजतन यहां शिक्षा की दर काफी ऊंची है. उन्होंने बताया कि गांव के 12 अधिकारी सेवानिवृत्त होकर जन-सेवा के कार्य कर रहे हैं. वर्तमान में अध्ययन कर रहे युवा बड़ों से प्रेरणा पाकर उच्च शिक्षा हासिल कर रहे हैं. गांव का सामाजिक ताना-बुना शिक्षा पर केंद्रित रहता है. बीआरसी दुबे ने बताया कि इस साल NEET में यहां के 4 स्टूडेंट्स, JEE Main में 3 विद्यार्थी चयनित होकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं.

इन पदों पर सेवा दे रहे पड़ियाल गांव के लोग
एसपी सिंह डीआईजी, लक्ष्मण सिंह सोलंकी एडिशनल एसपी, नरेंद्र पाल सिंह कार्यपालन यंत्री, एमपी सिंह (AC PWD), डीएस रणदा (अपर संचालक ग्रामीण विकास), नवल सिंह डोड (SDO PWD), बीएस चौहान (DPO गृह विभाग), अर्जुन सिंह जमरा (SDO PWD), महेंद्र सिंह अलावा (महाप्रबंधक एयरपोर्ट नई दिल्ली), पर्वत सिंह अलावा (IAS रेलवे), महेंद्र पाल अलावा (IAS वायरलेस एंड लोकल लूप, मेडिकल ऑफिसर, डॉक्टर सुमेर सिंह अलावा, डॉक्टर केसी राणे, डॉक्टर केवल सिंह जमरा, लोकेंद्र अलावा (SDO RES), करण रणदा (ACF), सुखलाल अलावा (परियोजना अधिकारी जिला पंचायत), सुरेंद्र अलावा (प्रबंधक हेल्थ विभाग), मनीष अलावा (प्रबंधक उद्योग), मुकेश नंदा (एईओ आबकारी), विजेंद्र सिंह मुझाल्दा (प्लाटून कमांडर) सहित अन्य उच्च पदों पर अधिकारी बन देश-प्रदेश में सेवाएं दे रहे हैं.

इस गांव की बेटियां भी कम नहीं 
पड़ियाल गांव की बेटियां भी किसी से कम नहीं हैं. यहां से पढ़-लिखकर अनेक बेटियों ने गांव का नाम रोशन किया है. बबीता बामनिया (डीएसपी), शकुंतला बामनिया (टीआई), कौशल्या चौहान (टीआई), प्रियंका अलावा (थानेदार), रिंकी बामनिया (वाणिज्यिकर अधिकारी), प्रिया रणदा (एईओ आबकारी), शीतल अलावा (एई एमपीईबी), सुनयना डामोर (सिविल जज), गरिमा अलावा (उप निरीक्षक आबकारी), किरण जमरा (नायब तहसीलदार), सुचित्रा रणदा (कराधान अधिकारी), मीना अलावा (सहायक आयुक्त), डॉ. निधि सिंह (एमएस), डॉ. वस्ती रणदा (एमडी), डॉ. निलमणी अलावा (एमएस), डॉ. रिंकू रणदा (एमडी), डॉ. रश्मि रणदा (एमडी), डॉ. अंजना अलावा (प्रोफेसर), डॉ. अनुभूति अलावा (बीडीएस), डॉ. नेहा अलावा (एमएस), डॉ. शर्मिला जमरा (एमडी), संतोषी अलावा (प्रोफेसर), बसंती अलावा (प्रोफेसर) सहित अन्य बेटियां उच्च पदों पर पदस्थ हैं.

 

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