Inspirational: पैसों की तंगी के बावजूद ट्रक ड्राइवर के बेटे ने पास किया CAT Exam, IIM लखनऊ में मिला दाखिला

यह कहानी है एक ट्रक ड्राइवर के बेटे की, जिसने CAT एग्जाम पास करके IIM लखनऊ में दाखिला लिया है. इस छात्र का बस एक ही लक्ष्य है- अच्छे से पढ़ाई करके अच्छी जॉब करना और अपने घर के हालातों को बदलना.

IIM Lucknow
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 04 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:51 AM IST

आंध्र प्रदेश के नंदयाल के 22 वर्षीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट गणमद्दुला नागा सुमंत की कहानी इस देश के बहुत से बच्चों के लिए प्रेरणा है. सुमंत ने इस साल आईआईएम लखनऊ में प्रवेश लेने के अपने सपने को साकार किया है.

सबसे दिलचस्प बात यह है कि सुमंत ने अपने घर की आर्थिक परिस्थितियों से जूझते हुए इस मुकाम को हासिल किया है. सुमंत के पिता सुब्बरायुडु गणमद्दुला एक ट्रक ड्राइवर हैं. वहीं, उनकी मां एक केजी स्कूल में टीचर हैं. सुमंत और उनके परिवार को अक्सर पैसों की तंगी की परेशानी होती है. 

स्कॉलरशिप्स लेकर की पढ़ाई 
सुमंत ने अपने पिता को दिन-रात मेहनत करते देखा है. धान और कपास के सीजन में वह कई-कई हफ्तों तक घर से बाहर रहते हैं क्योंकि उन्हें फसलों का ट्रांसपोर्ट करना होता है. लेकिन उन्होंने सुमंत की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आने दी. सुमंत ने हमेशा से पढ़ाई में अच्छा करके अपने घर के हालातों को बदलना चाहा.

सुमंत ने हमेशा अकादमिक रूप से अच्छा प्रदर्शन किया और अपने प्री-यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग कोर्स के लिए स्कॉलरशिप हासिल की. कक्षा 10 में 9.8 ग्रेड और कक्षा 12 की राज्य बोर्ड परीक्षा में 8.8 ग्रेड अंक हासिल करने के बाद, उन्होंने 8.8 के सीजीपीए के साथ IIIT श्रीकाकुलम से बीटेक पूरा किया. 

IIM लखनऊ की उनकी यात्रा इंजीनियरिंग के आखिर साल में शुरू हुई जब उन्होंने IIT मद्रास में डेटा साइंस और प्रोग्रामिंग कोर्स में दाखिला लिया. यहां पर उन्हें Common Admission Test (CAT) का पता लगा और सुमंत ने खुद को CAT की तैयारी के लिए समर्पित कर दिया. हर दिन 12 घंटे पढ़ाई की और 97 प्रतिशत अंक हासिल किए. वह अपनी सफलता का श्रेय अपने चाचा को देते हैं, जिन्होंने उनकी आर्थिक तौर पर मदद की.  

घर के हालात बदलना चाहते हैं सुमंत 
सुमंत का कहना है कि उनके चाचा ने हमेशा उनका सपोर्ट किया है और आईआईएम तक पहुंचने में उनका मार्गदर्शन किया. IIM लखनऊ में भी सुमंत अपनी पढ़ाई में बेस्ट करने की चाह रखते हैं. उनका लक्ष्य अपने परिवार की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए एक कॉर्पोरेट नौकरी लेना है.

संस्थान में EWS कोटा के छात्रों को वित्तीय सहायता, स्कॉलरशिप और तैयारी सेशन के जरिए स्पेशल मदद दी जाती है. संस्थान सुनिश्चित करता है कि इन छात्रों के पास आवश्यक संसाधनों और बुनियादी ढांचे तक पहुंच हो. हमें उम्मीद है कि सुमंत की कहानी इस तरह की परेशानियों से जूझ रहे और भी कई बच्चों को लिए मिसाल बनेगी. 

 

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