कोयला चोरी रोकेगा तुहीन का आविष्कार! भारत सरकार भेज रही जापान सीखने तकनीक के गुर, धनबाद का बेटा बना प्रेरणा का स्रोत

तुहीन को इस प्रोजेक्ट के लिए पहले ही 2023 में एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड मिल चुका है. अब भारत सरकार उसे जापान भेज रही है, जहां वह तकनीक के क्षेत्र में और प्रशिक्षण हासिल करेगा.

कोयला चोरी रोकेगा तुहीन का आविष्कार
gnttv.com
  • धनबाद ,
  • 14 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 3:48 PM IST

कोयले की चोरी से होने वाले सरकारी राजस्व के नुकसान को लेकर आए दिन खबरें आती रहती हैं. लेकिन अब धनबाद के एक छात्र ने इस दिशा में ऐसा आविष्कार किया है, जिससे कोयला चोरी पर काफी हद तक लगाम लग सकती है. इस नवाचार की गूंज इतनी दूर तक गई है कि भारत सरकार अब इस छात्र को जापान भेज रही है, जहां वह तकनीक के उन्नत गुर सीखेगा और अपने प्रोजेक्ट को और बेहतर बना सकेगा.

हम बात कर रहे हैं तुहीन भट्टाचार्य की- डीएवी कोयला नगर, धनबाद में 12वीं कक्षा का छात्र. तुहीन ने एक ऐसा सिस्टम विकसित किया है जो ट्रकों से कोयला चोरी होने पर न केवल कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजेगा, बल्कि ड्राइवर के वाहन न रोकने की स्थिति में ट्रक को अपने-आप बंद भी कर देगा.

कैसे काम करता है तुहीन का प्रोजेक्ट?
तुहीन के इस प्रोजेक्ट में वेट सेंसर, लोड सेल, GPS ट्रैकिंग और AI आधारित फ्यूल कट सिस्टम जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है.
जब भी किसी ट्रक में कोयला लोड किया जाता है, तब उसका पूरा वजन रिकॉर्ड कर लिया जाता है. अगर ट्रक रास्ते में कहीं रुकता है और उसमें से कोयला चोरी हो जाता है, या वजन कम हो जाता है, तो यह सिस्टम तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजता है.

अगर ड्राइवर कंट्रोल रूम के निर्देश के बावजूद ट्रक नहीं रोकता, तो कंट्रोल रूम एक AI ट्रिगर के जरिए ट्रक की फ्यूल सप्लाई बंद कर सकता है, जिससे कुछ देर बाद वाहन वहीं रुक जाएगा. इस लोकेशन को GPS ट्रैकिंग से ट्रेस किया जा सकेगा, और स्थानीय पुलिस या सुरक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच कर सकेंगे.

तुहीन बताते हैं, “यह प्रोजेक्ट मैंने कोल कंपनियों में हो रही चोरी को देखते हुए डेवलप किया है. इससे न सिर्फ सरकार के राजस्व को नुकसान से बचाया जा सकेगा, बल्कि ओवर माइनिंग की आवश्यकता भी घटेगी, जिससे पर्यावरण को भी लाभ होगा.”

सरकार की सराहना, जापान का सफर
तुहीन को इस प्रोजेक्ट के लिए पहले ही 2023 में एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड मिल चुका है. अब भारत सरकार उसे जापान भेज रही है, जहां वह तकनीक के क्षेत्र में और प्रशिक्षण हासिल करेगा. तुहीन बताते हैं, “जापान में मुझे नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी और यह सिखाया जाएगा कि इस प्रोजेक्ट को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है.”

शिक्षकों ने दी सराहना
बीके सिंह, डीएवी कोयला नगर स्कूल के अटल टिंकरिंग लैब के इंचार्ज और तुहीन के मेंटर कहते हैं, “तुहीन बेहद प्रतिभाशाली और मेहनती छात्र है. उसने इस प्रोजेक्ट पर दो साल मेहनत की है. जापान जाकर वह और नई बातें सीखेगा, जिससे उसका प्रोजेक्ट वैश्विक स्तर पर भी पहचान बना सके.”
वहीं स्कूल के प्राचार्य एनएन श्रीवास्तव का कहना है, “यह हमारे विद्यालय के लिए गर्व की बात है. तुहीन को 2022 में भी इंस्पायर अवार्ड मिल चुका है. अब उसका चयन जापान के लिए हुआ है. हमें उम्मीद है कि वह अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा बनेगा.”

कोयला चोरी से पर्यावरण तक की चिंता
तुहीन सिर्फ तकनीकी इनोवेशन के लिए नहीं, बल्कि पर्यावरण की चिंता को भी लेकर सामने आए हैं. वह कहते हैं, “कोयला चोरी से न केवल सरकार को घाटा होता है, बल्कि उस नुकसान की भरपाई के लिए ओवर माइनिंग की जाती है, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का दोहन होता है. मेरा प्रोजेक्ट इस चक्र को तोड़ने की दिशा में एक कदम है.”

तुहीन का यह प्रोजेक्ट एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ सुविधा बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए भी किया जा सकता है. धनबाद जैसे कोल बेल्ट इलाके से आने वाला यह छात्र अब जापान में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा. 

(रिपोर्ट-सिथुन मोदक)


 

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