विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NET) के सिलेबस में बदलाव होने जा रहा है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत यूजीसी नेट परीक्षा के सभी 83 विषयों का नया सिलेबस तैयार कर लिया है. यूजीसी काउंसिल ने इसे मंजूरी भी दे दी है. यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि यूजीसी नेट में इस नए पाठ्यक्रम को पेश करने से पहले उम्मीदवारों को पर्याप्त समय दिया जाएगा ताकि बदलाव सुचारू रूप से हो सके. इसके लिए यूजीसी विशेषज्ञों की एक समिति बनाएगी.
इतने सालों से नहीं हुआ था संशोधन
यूजीसी नेट सिलेबस में आखिरी बार वर्ष 2017 में संशोधन किया गया था, जिसके बाद उच्च शिक्षा में बहुत से बदलाव हो चुके हैं. इन्हीं बदलावों के चलते यूजीसी नेट के सिलेबस में भी बदलाव किया जा रहा है. यूजीसी की 3 नवंबर 2023 को हुई बैठक में सिलेबस में संशोधन का फैसला लिया गया है. नए सिलेबस का ड्राफ्ट जल्द ही राज्यों और विश्वविद्यालयों के साथ शेयर किया जाएगा. इसके बाद इसे यूजीसी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.
साल में दो बार होती है परीक्षा
यूजीसी की ओर से, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) और भारतीय और कुछ विदेशी भाषाओं सहित मानविकी और सामाजिक विज्ञान में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति के लिए यूजीसी-राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (यूजीसी- नेट) आयोजित करती है. यूजीसी नेट परीक्षा साल में दो बार (आमतौर पर जून और दिसंबर में) आयोजित की जाती है.
ऐसे होती है यूजीसी नेट परीक्षा
फिलहाल यूजीसी नेट परीक्षा के तहत दो पेपर होते हैं. पहले पेपर में 100 अंकों के 50 सवाल पूछे जाते हैं. वहीं, दूसरे पेपर में संबंधित विषय से 200 अंकों के 100 ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल होते हैं. दोनों पेपर को हल करने के लिए कुल 3 घंटे का समय दिया जाता है.
इन विषयों से पूछे जाते हैं सवाल
पेपर 1 में टीचिंग एप्टीट्यूड, रिसर्च एप्टीट्यूड, मैथमेटिक्स, कॉम्प्रिहेंशन, कम्युनिकेशन, मैथमेटिकल रीजनिंग और एप्टीट्यूड, लॉजिकल रीजनिंग, इनफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, डाटा इंटरप्रिटेशन, पीपल डेवलपमेंट एंड एनवायरनमेंट, हायर एजुकेशन और पेपर 2 में संबंधित विषय से सवाल पूछे जाते हैं.