यूपी के कॉलेजों में लागू होगा ग्रेडिंग सिस्टम, छात्रों का स्ट्रेस कम करने में मिलेगी मदद

यूपी में अब ग्रेजुएशन लेवल पर ग्रेडिंग (grading) से छात्रों का मूल्यांकन होगा. राज्य के सभी राजकीय प्राइवेट यूनिवर्सिटी में ये व्यवस्था लागू होगी.10 point की ग्रेडिंग व्यवस्था के लिए सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

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शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 21 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 1:47 PM IST
  • O से लेकर NQ तक होगी ग्रेडिंग
  • बच्चों में कम होगा exam स्ट्रेस

यूपी में अब ग्रेजुएशन लेवल पर ग्रेडिंग (grading) से छात्रों का मूल्यांकन होगा. राज्य के सभी राजकीय प्राइवेट यूनिवर्सिटी में ये व्यवस्था लागू होगी.10 point की ग्रेडिंग व्यवस्था के लिए सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. National Education Policy के तहत संस्थानों में एकरूपता लाने के लिए ये काफी अहम साबित होगा. मुख्यमंत्री ने विभागीय बैठक में तैयार प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है.

क्या है ग्रेडिंग प्रणाली 
सभी राज्य विश्वविद्यालयों और निजी विश्वविद्यालयों में BA, B.Com और BSc में अब ग्रेडिंग के ज़रिए ही अंक मिलेंगे. इसके लिए 10 point की ग्रेडिंग व्यवस्था होगी, जो नियम बनाया गया है उसके मुताबिक हर लिखित और प्रयोगात्मक परीक्षा का उत्तीर्ण प्रतिशत (pass percentage)पहले की तरह ही 33 % रहेगा. साथ ही आंतरिक मूल्यांकन 25अंक का होगा और यूनिवर्सिटी की परीक्षा का अंक 75 होगा. इसमें यूनिवर्सिटी की परीक्षा 75 अंक में 33% पास होने के लिए ज़रूरी होगी. तृतीय वर्ष में लघु शोध में उत्तीर्ण होने के लिए 40 प्रतिशत अंक ज़रूरी होंगे. कौशल विकास के कोर्स के लिए भी 40% अंक लाना ज़रूरी होगा. ये व्यवस्था यूपी के सभी विश्वविद्यालयों में 2022-23 से ही लागू होगी.

O से लेकर NQ तक होगी ग्रेडिंग

ग्रेडिंग सिस्टम में O यानि आउट्स्टैंडिंग से लेकर NQ यानी नॉट क्वालिफ़ायड तक ग्रेड होंगे. A+ यानी एक्सिलेंट, A यानि वेरी गुड, B+ यानि गुड, B यानि above एवरेज, C यानि एवरेज, P यानि पास, F यानि फेल, Q यानि क्वालिफ़ायड, NQ यानि नॉट क्वालिफ़ायड श्रेणी रखी गयी है.

बच्चों में कम होगा exam स्ट्रेस
यूपी की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी का कहना है कि यूपी के छात्रों के हितों के लिए जो भी व्यवस्था करना जरूरी है वो हम कर रहे हैं. पहले से सेमेस्टर सिस्टम भी चल रहा है. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत एकरूपता लाने के लिए ये भी जरूरी है इसलिए इसका फ़ैसला किया गया है. रजनी तिवारी बताती हैं कि छात्रों को टैब्लेट, स्मार्टफ़ोन देने का काम जारी है. वहीं लड़कियों को स्कूटी भी दी जाएगी. ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े इस पर भी हम लोग ध्यान दे रहे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. आलोक कुमार राय का कहना है कि ‘इससे छात्रों में एक-एक नम्बर को लेकर होने वाली लड़ाई ख़त्म होगी. ज़ाहिर है इससे exam stress काम होगा.’

 

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