UPPSC PCS के लिए घोषित परिणाम में पांचवी रैंक हासिल करके बहराइच के मनोज भारती ने शहर का नाम रोशन कर दिया है. बहराइच शहर स्थित थाना देहात कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला रायपुर राजा के निवासी मनोज के पिता पेशे से शिक्षक हैं और मां स्वास्थ्य विभाग में सुपरवाइजर पद पर कार्यरत हैं. मनोज अब SDM बनेंगे, इस खबर से पूरे परिवार में खुशी का आलम है.
मनोज की मां ने बताया की उनके दो बेटे हैं बड़ा बेटा कुलदीप भारती चेन्नई में केंद्रीय विद्यालय में अध्यापक है और छोटा बेटा मनोज अलीगढ़ में सेवायोजन अधिकारी के पद पर कार्यरत है. मनोज ने हाई स्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई बहराइच शहर के सरस्वती इंटर कालेज से की है. जिसके बाद उसने अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कालेज, गाजियाबाद से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है.
कई प्रयासों के बाद मिली सफलता
पीसीएस में यह मनोज का तीसरा प्रयास था लेकिन इससे पूर्व उनका चयन जिला सेवायोजन अधिकारी पद पर हो चुका था. लेकिन अब उन्हें अपने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की है. मनोज भारती ने पीसीएस परीक्षा के लगातार तीन इंटरव्यू 2021, 2022 और 2023 में दिए. 2021 में अपने पहले इंटरव्यू में वह असफल रहे. साल 2022 में इंटरव्यू देकर पास हुए तो जिला सेवायोजन अधिकारी का पद मिल, जिसमें उन्हें अलीगढ़ जिले में पोस्टिंग मिली.
लेकिन तीसरे प्रयास 2023 में मनोज ने लंबी छलांग लगाकर पांचवी रैंक हासिल की और एसडीएम पद पर चयनित हुए. मनोज ने 2021 में लोअर पीसीएस परीक्षा भी दी थी जिसमें वह बतौर मार्केटिंग इंस्पेक्टर चयनित हुए थे लेकिन उस पद पर ज्वाइन नहीं किया. मनोज की मां मीना कुमारी अपने बेटे की सफलता पर काफी खुश हैं और अपने बेटे के शुरुआती पढ़ाई के दिनों को याद करती हैं.
मीना कहती हैं कि जब देर रात तक मनोज पढ़ता था तो वह उससे कहती थी कि बेटा सो जाओ, बहुत रात हो गई है लेकिन मनोज कहता था कि नींद से ज्यादा पढ़ाई जरूरी है क्योंकि उसे आगे कुछ बनना है और आज उसने अपनी बात सच कर दिखाई है. आज मनोज एसडीएम बन गया है.
पूरा हुआ सपना
मनोज के पिता राजकुमार भारती प्रदेश की योगी सरकार की सराहना करते हुए नहीं थक रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार पर जो लोग भेदभाव का आरोप लगाते हैं वह गलत है. सरकार कोई भेदभाव नहीं कर रही है. जो मेहनत करेगा वो सफल होगा. सरकार ने बहुत कम समय में रिजल्ट निकाला और उनका बेटा चयनित हो गया.
PCS का रिजल्ट आने के समय अलीगढ़ में अपनी पोस्टिंग के चलते मनोज अपने घर पर मौजूद नहीं थे लेकिन उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व गुरुजनों को दिया है. उनका कहना है कि उनका सपना एसडीएम बनने का था जो सेवायोजन अधिकारी बनने के बाद भी जारी था. और अब यह सपना पूरा हो गया है.
(राम बरन चौधरी की रिपोर्ट)