डॉक्टर बनने का ख्वाब देखने वाले मेडिकल छात्रों के लिए गुड न्यूज है. हिन्दी मीडियम स्कूलों से पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए अग्रेजी भाषा अब डॉक्टर बनने में बाधा पैदा नहीं करेगी. नए सत्र से उत्तराखंड में मेडिकल छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कर सकेंगे. इसको लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया इस महीने के अंत तक कोर्स लॉन्च कर सकते हैं.
हिन्दी कोर्स को लेकर सारी तैयारियां पूरी
राज्य सूचना विभाग की ओर मिली जानकारी के अनुसार, एमबीबीएस में हिन्दी मीडियम से पढ़ाई कराने की सारी तैयारियां हो गई है. कोर्स लॉन्च होने के बाद मध्य प्रदेश के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य बन जाएगा, जहां हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई होगी. जानकारी के अनुसार, यह हिंदी पाठ्यक्रम ( जो वैकल्पिक होगा ) उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा विभाग की 4 सदस्यीय समिति के द्वारा गहन अध्ययन के बाद लागू किया जा रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री करेंगे कोर्स लॉन्च
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा, कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से पूछा गया है कि वह उधम सिंह नगर एम्स सैटेलाइट सेंटर के “भूमि पूजन” और हिंदी एमबीबीएस पाठ्यक्रम के शुभारंभ के लिए कब समय निकाल सकते हैं. केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही उत्तराखंड आएंगे और दोनों कार्यक्रमों में भाग लेंगे. राज्य मंत्री रावत ने कहा, कि यह उन छात्रों के लिए एक बड़ा उपहार होगा जो हिंदी माध्यम स्कूलों से आए हैं.
एम्स सैटेलाइट सेंटर से स्वास्थ्य व्यवस्था होगी मजबूत
राज्य मंत्री ने कहा कि एम्स सैटेलाइट सेंटर से पूरे कुमाऊं मंडल को फायदा होगा और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी. बता दें कि उत्तराखंड में 700 सीटों वाले पांच सरकारी मेडिकल कॉलेज और 450 सीटों वाले तीन निजी मेडिकल कॉलेज हैं.
मध्य प्रदेश है हिन्दी मीडियम में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने वाला पहला राज्य
पिछले साल अक्टूबर में भोपाल के लाल परेड मैदान पर मध्य प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस छात्रों के लिए शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान और जैव रसायन के लिए हिंदी में तीन कोर्स पेश किए. मध्य प्रदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की सिफारिशों को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन था.